राष्ट्रीय

Gyanvapi Case Hearing: आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई; सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ धारा 144 लागू

ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन की मांग को लेकर वाराणसी के जिला न्यायाधीश एके विश्वेश की अदालत में चल रहे मुकदमे की सुनवाई (सुनने योग्य या नहीं) पर आज फैसला सुनाया जाएगा।

Kunal Bhatnagar

वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद से जुड़े मामले में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। उच्च न्यायालय को मुख्य रूप से यह तय करना है कि 31 साल पहले वाराणसी की जिला अदालत में 1991 में दायर मामले की सुनवाई हो सकती है या नहीं।

इसके साथ ही एएसआई द्वारा कराये जा रहे सर्वे समेत कुछ अन्य बिंदुओं पर आज हाईकोर्ट को फैसला सुनाना है।

सुनवाई दोपहर 2 बजे से जस्टिस प्रकाश पाडिया की सिंगल बेंच में होगी। इस मामले की सुनवाई अब अंतिम चरण में है।

इस वजह से दायर की थी याचिका

ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन की मांग को लेकर वाराणसी के जिला न्यायाधीश एके विश्वेश की अदालत में चल रहे मुकदमे की सुनवाई (सुनने योग्य या नहीं) पर आज फैसला सुनाया जाएगा।

कोर्ट ने 24 अगस्त को फैसला आज के लिए सुरक्षित रख लिया था। मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश अधिवक्ता शमीम अहमद ने अदालत से कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद वक्फ की संपत्ति है, इसलिए अदालत को मामले की सुनवाई का अधिकार नहीं है।

हिंदू पक्ष की मांग

  • पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंप दिया जाए।

  • भगवान विश्वेश्वर की नियमित पूजा की व्यवस्था करें।

  • ज्ञानवापी में मुसलमानों का प्रवेश बंद करो।

  • मस्जिद के गुंबद को गिराने का आदेश।

औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई

हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि उन्होंने अपने तर्क में कहा है कि ज्ञानवापी कहीं से मस्जिद नहीं बल्कि मंदिर का ही एक हिस्सा है, इसलिए इस मामले में 1991 का पूजा स्थल अधिनियम किसी भी तरह से लागू नहीं होता है।

इसने यह भी दावा किया कि ज्ञानवापी को वक्फ की संपत्ति के रूप में दावा करने वाले मुस्लिम पक्ष के वकील द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज वास्तव में धरहरा में बिंदु माधव की आलमगीर मस्जिद का दस्तावेज है।

उनके अनुसार यह मस्जिद ज्ञानवापी से दूर स्थित है। उसने कोर्ट को बताया है कि औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई थी। उनके अनुसार, उन्होंने केवल हिंदुओं के सम्मान के लिए ऐसा किया था।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

वहीं, शहर में धारा 144 लगा दी गई है ताकि इस फैसले के बाद माहौल न बिगड़े। वाराणसी के पुलिस आयुक्त सतीश गणेश ने रविवार को बताया कि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में जिला अदालत के सोमवार के फैसले के मद्देनजर एहतियात के तौर पर वाराणसी कमिश्नरी में धारा 144 लागू करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

सभी पुलिस अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र के धर्मगुरुओं से संवाद करने का निर्देश दिया गया है। पूरे शहर के सभी सेक्टरों में जरूरत के हिसाब से पुलिस बल तैनात किया गया है।

संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च और पैदल गश्त के निर्देश दिए गए हैं। जिले के संवेदनशील इलाकों में त्वरित कार्रवाई बलों को तैनात करने को कहा गया है।

जिले की सीमाओं पर जांच व चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। होटलों, धर्मशालाओं और गेस्ट हाउस में चेकिंग के साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार नजर रखने के निर्देश जारी किए गए हैं।

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