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Hijab Ban: हिजाब पर फिर बढ़ी तकरार...BJP, SP, AIMIM का सियासी वार; जानें इनके विचार

Om Prakash Napit

कर्नाटक हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों ने अलग-अलग फैसले दिए हैं। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने HC के फैसले को बरकरार रखा है और बैन के खिलाफ अर्जी खारिज की है। अब बड़ी बेंच में मामले की सुनवाई होगी। जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की बेंच ने ये फैसला सुनाया है।

सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों ने अलग-अलग फैसले आने और मामला SC में फिर से लटक जाने के बाद अब इस पर एक बार फिर से सियासत तेज हो गई है। बीजेपी नेता अनिल विज, सपा सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क और AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी अपनी तरह से प्रतिक्रियां दी हैं। गौरतलब है कि कर्नाटक हिजाब विवाद पर जिस कदर बवाल बढ़ा, जिस तरह से सड़कों पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिले, ये पूरा विवाद एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है।

पुरुष मन मजबूत करें, महिलाओं को हिजाब से आजादी दें : अनिल विज

हरियाणा के गृह मंत्री और बीजेपी नेता अनिल विज ने हिजाब को लेकर एक ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा- 'जिन पुरुषों का महिलाओं को देखकर मन मचलता था उन्होंने ही महिलाओं को हिजाब डालने के लिए मजबूर किया। आवश्यकता तो अपने मन को मजबूत करने की थी परंतु सजा महिलाओं को दी गई उनको सिर से लेकर पांव तक ढक दिया। यह सरासर नाइंसाफी है। पुरुष अपना मन मजबूत करें और महिलाओं को हिजाब (Hijab) से मुक्ति दे

बेपर्दा घूमेंगी लड़कियां तो आवारगी बढ़ेगी : सपा सांसद बर्क

विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाले उत्तर प्रदेश की संभल सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ। शफीकुर्रहमान बर्क एक बार फिर अपने बयान से चर्चा में हैं। सुप्रीम कोर्ट में हिजाब बैन पर बंटे हुए फैसले के बाद उन्होंने कहा कि बीजेपी माहौल बिगाड़ रही है। सपा सांसद बर्क ने कहा कि लड़कियां अगर बेपर्दा घूमेंगी तो इससे आवारगी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि हिजाब पर बैन लगता है तो न सिर्फ इस्लाम को बल्कि समाज को भी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि बेहिजाब होने से हर समय बहुत सी बुराइयां पैदा होती है और समाज के अंदर भी बिगाड़ पैदा होता है।

हिजाब पहनने का हुक्म अल्लाह ने दिया है : असदुद्दीन ओवैसी

हिजाब विवाद के फैसले पर अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का भी बयान आ गया है। ओवैसी ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को लेकर कहा कि यह सही नहीं है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ऐसा लग रहा था जैसे आज ही सुनवाई पूरी हो जाएगी, लेकिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक जज का जजमेंट फेवर में आया और हाईकोर्ट का जो इस पर जजमेंट था वो गलत था। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में लड़कियां हिजाब इसलिए पहन रही हैं क्योंकि कुरान में इसका जिक्र है और इसका हुक्म हमें अल्लाह ने दिया है।

कर्नाटक सरकार के मंत्री ने कहा- 'नहीं हटेगा हिजाब पर बैन'

कर्नाटक हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट के अलग-अलग फैसले के तुरंत बाद, राज्य के बिजली, कन्नड़ और संस्कृति मंत्री वी। सुनील कुमार ने कहा कि प्रतिबंध के आदेश को वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है। मंत्री ने कहा, "राज्य सरकार के पांच फरवरी को जारी आदेश को पलटने का सवाल ही नहीं है, राज्य के शिक्षण संस्थानों में हिजाब और अन्य धार्मिक प्रतीकों पर प्रतिबंध है। स्कूलों और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में यूनिफॉर्म का नियम जारी रहेगा।"

पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है। प्रतिबंध से पीछे हटने का कोई सवाल नहीं है। उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में विभाजित फैसला दिया है और हम अपना फैसला वापस नहीं लेंगे।" उन्होंने कहा, "कोई भी छात्रा हिजाब पहनकर कक्षाओं में नहीं जा सकती। कांग्रेस और प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को समझना चाहिए कि वे समाज के खिलाफ नहीं जा सकते।"

जस्टिस हेमंत गुप्ता का फैसला

जस्टिस हेमंत गुप्ता ने बैन की अपील खारिज कर दी। जस्टिस गुप्ता ने कहा कि क्या कॉलेज प्रबंधन छात्रों की वर्दी पर फैसला ले सकता है और अगर हिजाब पहनना और बैन करना अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है, तो क्या अनुच्छेद 19 और अनुच्छेद 25 के तहत अधिकार परस्पर एक हैं। उन्होने कहा कि क्या सरकारी आदेश मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है? जस्टिस गुप्ता ने आगे कहा कि क्या छात्र अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग कर सकता है, इस्लाम के तहत जरूरी पहनावा पहन रहा है, क्या सरकार का आदेश शिक्षा के मूल उद्देश्य की पूर्ति कर रहा है, मेरे अनुसार मेरा जबाव अपीलकर्ता के खिलाफ है। अत: मैं इस अपील खारिज करता हूं।

जस्टिस धुलिया का फैसला

वहीं, जस्टिस धूलिया ने कहा कि मैंने कर्नाटक HC के आदेश को रद्द कर दिया है और साथ ही सरकारी आदेश को रद्द कर दिया है। जस्टिस धूलिया ने कहा कि ईआरपी में उतरने की जरूरत नहीं थी और कोर्ट ने गलत रास्ता अपनाया। यह सिर्फ पसंद का सवाल था। मैंने बिजॉय इमैनुएल में अनुपात को पूरी तरह से मामले को कवर किया है। इस मामले में मेरे लिए बालिकाओं की शिक्षा सबसे ऊपर थी। चूंकि दोनों जजों की इस मामले को लेकर अलग-अलग राय दी है, यानी कि अलग फैसले। ऐसे में ये हिजाब विवाद का पूरा मामला बड़ी बेंच को सौंप दिया जाएगा और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का दौर फिर शुरू हो जाएगा।

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