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Population Control Act : रघु शर्मा के एक बच्चे वाले बयान पर छिड़ी नई बहस, यदि कानून बना तो ऐसी होगी वर्तमान विधानसभा की स्थिति?

savan meena

Population Control Act : यूपी में जनसंख्या नियंत्रण कानून की कवायद के बीच राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने एक ही बच्चे का कानून बनाने की पैरवी करके नई बहस छेड़ दी है। प्रदेश के विधायकों की स्थिति देखी, जिसमें सामने आया कि अगर एक बच्चे का कानून चुनाव लड़ने के लिए भी लागू हुआ तो राजस्थान के 80 फीसदी से ज्यादा विधायक चुनाव लड़ ही नहीं पाएंगे।

इसके अलावा अगर 2 संतान होने पर चुनाव लड़ने का नियम लागू हुआ तो 50 फीसदी विधायक बाहर हो जाएंगे। वर्तमान में गहलोत मंत्रिपरिषद में अशोक चांदना और शाले मोहम्मद ही ऐसे मंत्री है, जिनके एक-एक बच्चे हैं। जबकि सीएम गहलोत और 11 मंत्रियों की 2-2 संतान हैं। 3 मंत्रियों के 4 जबकि भजनलाल जाटव की 5 संतानें हैं। एक संतान के कानून की पैरवी करने वाले स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा की खुद की दो संतानें हैं।

मौजूदा विधानसभा में 99 विधायक ऐसे हैं, जिनकी 2 से ज्यादा संतान

Population Control Act : प्रदेश के सभी मौजूदा 198 विधायकों की संतानों की संख्या के बारे में विधानसभा को दिए गए रिकॉर्ड और ब्योरे के अनुसार, मौजूदा विधानसभा में 99 विधायक ऐसे हैं, जिनकी 2 से ज्यादा संतान हैं। अभी 198 विधायकों में से 66 विधायकों की 2-2 संतान हैं, 20 विधायकों की एक-एक संतान हैं, 6 विधायक अविवाहित हैं, जबकि 9 विधायकों की संतान नहीं हैं।

बाकी बचे हुए 97 विधायकों की तीन या इससे ज्यादा संतानें हैं। विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 2 संतान का प्रावधान लागू होता है तो 50 फीसदी विधायक बाहर हो जाएंगे।

राजस्थान में सांसद-विधायकों पर लागू नहीं होता कानून

राजस्थान में तीन दशक से जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू है, जिसके तहत राजस्थान में 2 से ज्यादा संतान वालों को सरकारी नौकरी नहीं मिलती, नौकरी लगने के बाद तीसरी संतान होने पर प्रमोशन नहीं मिलता। 2 संतान से ज्यादा वाले पंचायतीराज, शहरी निकाय चुनाव नहीं लड़ सकते। विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए दो संतान का नियम नहीं है।

विधानसभा में 62 फीसदी से ज्यादा विधायक 50 पार

उम्र के लिहाज से विधानसभा में बहुमत 50 पार के विधायकों का है। 2018 में चुनाव लड़ते वक्त विधायकों के एफिडेविएट में उम्र के ब्यौरे के मुताबिक 77 विधायक ऐसे थे जो 50 साल से कम उम्र के थे। जबकि 63 विधायक 51 से 60 साल की उम्र के बीच के थे।

विधानसभा चुनाव को अब ढाई साल का अरसा बीत गया इसलिए उन सबकी उम्र में उतना ही इजाफा हुआ है। विधानसभा में बहुमत 50 पार के विधायकों का ही है, 62 फीसदी से ज्यादा विधायकों की उम्र 50 साल से ज्यादा है। 50 साल से कम उम्र के विधायकों की संख्या 77 थी जिसमें अब और कमी आ गई है।

विधानासभा में सबसे उम्रदराज विधायक पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल

विधानासभा में सबसे उम्रदराज विधायक पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल हैं, वे कपासन से बीजेपी के विधायक हैं। कैलाश मेघवाल 86 साल की उम्र पार कर चुके हैं। चौरासी से बीटीपी के विधायक राजकुमार रौत सबसे कम उम्र के विधायक हैं, उनकी उम्र अभी साढ़े 28 साल है। रोत की कुछ माह पहले ही शादी हुई है।

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