<div class="paragraphs"><p>क्या भारत के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध संभव? जानिए इस मल्टीलेयर सुरक्षा चक्र की पूरी कहानी</p></div>

क्या भारत के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध संभव? जानिए इस मल्टीलेयर सुरक्षा चक्र की पूरी कहानी

 
राष्ट्रीय

PM SECURITY PROTOCOL: क्या भारत के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध संभव? जानिए इस मल्टीलेयर सुरक्षा चक्र की पूरी कहानी

Deepak Kumawat

(INSIDE STORY OF PM SECURITY PROTOCOL) एक पद जो देश कि गरिमा से जुड़ा है, एक पद जो देश कि अस्मिता है, एक पद जो देश कि ताकत से जुड़ा है, वो होता है देश का प्रधानमंत्री, प्रधानमंत्री एक शब्द नही है एक शक्स नही है, प्रधानमंत्री एक वो संस्थान है जिसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी देश की जिम्मेदारी होती है, सुरक्षा एजेंसी की जिम्मेदारी होती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 5 जनवरी को फिरोजपुर, पंजाब में कार्यक्रम था और प्रधानमंत्री फ्लाईओवर पर 15 से 20 मिनट तक फँसे रहे, इस घटना के बाद प्रधानमंत्री की सुरक्षा लेकर सवाल क्यों खड़े हो रहे है तो जानने कि कोशिश करते है जो प्रधानमंत्री देश के लिए इतना महत्वपूर्ण पद है, जो इंसान इस पद पर बैठा हुआ है जो देश की गरिमा से जुड़ा हुआ है तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसके हाथ में होती है।

बिना कार्यक्रम करें वापस लौटे मोदी
पंजाब दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है, इस मामले में केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। (INSIDE STORY OF PM SECURITY PROTOCOL) बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को राज्य के फिरोजपुर में 42 हजार 750 करोड़ की कई विकास योजनाओं का शिलान्यास करना था, इसके बाद पीएम मोदी भी एक रैली को संबोधित करने वाले थे, लेकिन सुरक्षा में चूक के बाद पीएम मोदी रास्ते में ही बठिंडा एयरपोर्ट लौट आए और कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।

सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित

सुप्रीम कोर्ट ने तमाम दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी, साथ ही कोर्ट ने केंद्र और राज्य को इस मामले से जुड़ी कार्यवाही सोमवार तक के लिए रोकने का निर्देश दिया है, यानी सोमवार तक केंद्र और राज्य किसी भी अधिकारी के खिलाफ अपनी जांच के आधार पर कार्रवाई नहीं कर पाएंगे।

रजिस्ट्रार जनरल पास सारे रिकॉर्ड

इसके अलावा पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पीएम के दौरे से जुड़े सारे रिकॉर्ड अपने पास रखने को कहा गया है, इस काम में एनआईए के अधिकारी और चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारी उनकी मदद करेंगे, सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ के डीजीपी को इस काम में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के साथ कम से कम आईजी स्तर के अधिकारी को लगाने का आदेश दिया है।

प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार
(INSIDE STORY OF PM SECURITY PROTOCOL) स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होता है, स्पेशल प्रोटेक्शन टीम (एसपीजी) देश के सबसे पेशेवर और अत्याधुनिक सुरक्षा बलों में से एक है, SPG देश के प्रधानमंत्री के साथ भारत आने वाले गेस्ट ऑफ ऑनर की सुरक्षा का ख्याल रखती है, इसके जवानों का चयन पुलिस, अर्धसैनिक बलों (बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, सीआरपीएफ) में से होता है।

अमेरिका की सीक्रेट सर्विस की गाइडलाइंस के तय नियमों के मुताबिक ट्रेनिंग दी जाती है, SPG के पास MNF-2000 असॉल्ट राइफल, ऑटोमैटिक गन और 17M रिवॉल्वर जैसे अत्याधुनिक हथियार होते हैं।

जानिए अत्याधुनिक वैपन्स की खासियत
जैमर वाहन के ऊपर कई एंटेना होते हैं, जैमर सड़क के दोनों ओर रखे गए बमों को 100 मीटर की दूरी पर डिफ्यूज करने में सक्षम होता हैं, इन सभी कारों पर एनएसजी के सटीक निशानेबाज तैनात रहते हैं, एसपीजी के शूटर एक सेकेंड में आतंकियों को मार गिराने में सक्षम होते हैं, इन जवानों को अमेरिका की सीक्रेट सर्विस की गाइडलाइंस के तय नियमों के मुताबिक ट्रेनिंग दी जाती है, SPG के पास MNF-2000 असॉल्ट राइफल, ऑटोमैटिक गन और 17M रिवॉल्वर जैसे अत्याधुनिक हथियार होते हैं। (INSIDE STORY OF PM SECURITY PROTOCOL)

प्रधानमंत्री की सुरक्षा का प्रोटोकॉल क्या होता है

पीएम की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री के साथ करीब 100 लोगों की टीम होती है, यहां तक ​​कि जब प्रधानमंत्री चलते हैं, तो वे वर्दी के साथ-साथ सिविल ड्रेस में भी एनएसजी कमांडो से घिरे रहते हैं, प्रधानमंत्री की 24 घंटे सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपीजी यानी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की होती है। (INSIDE STORY OF PM SECURITY PROTOCOL)

पीएम के दौरे वाले स्थानों पर एसपीजी के विशेष रूप से प्रशिक्षित शूटर कमांड तैनात किए जाते हैं, पीएम के काफिले के ठीक आगे और पीछे पुलिस सुरक्षाकर्मियों की गाड़ियां होती हैं, बाईं और दाईं ओर दो और वाहन और बीच में प्रधानमंत्री का बुलेटप्रूफ वाहन होता है।

पीएम के काफिले में एक दर्जन से अधिक वाहन हैं, जिनमें 2 बख्तरबंद बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज सेडान, 6 बीएमडब्ल्यू एक्स5एस और एक मर्सिडीज बेंज एम्बुलेंस शामिल होती हैं, काफिले में हमलावरों को गुमराह करने के लिए प्रधानमंत्री के वाहन के समान दो डमी कारें शामिल होती हैं, जैमर के साथ एक टाटा सफारी भी पीएम के काफिले के साथ चलती है।

ऐसा होता है प्रधानमंत्री का रूट प्रोटोकॉल

प्रधानमंत्री का रूट प्रोटोकॉल भी होता है, यात्रा के दौरान हमेशा कम से कम दो रास्ते होते हैं, पहले से तय किए गए इन रूटों की जानकारी किसी को नहीं है, वीआईपी मूवमेंट में एसपीजी अंतिम समय में रूट तय करती है, औरएसपीजी कभी भी रूटबदल सकता है।

एसपीजी और संबंधित राज्य की पुलिस के बीच तालमेल होता है, प्रधानमंत्री की आवाजाही से पहले राज्य पुलिस से रूट क्लियरेंस मांगा जाता है, पुलिस द्वारा रूट क्लियरेंस के बाद काफिला आगे बढ़ता है।

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