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मैकेनिक के भेष में ISIS का सदस्य! पश्चिम बंगाल पुलिस के हत्थे चढा मध्य प्रदेश से अब्दुल रकीब

मध्य प्रदेश के खंडवा के मैकेनिक, जो आतंकवादी संगठन सिमी (स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) का सक्रिय सदस्य था, को अब पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बंगाल एसटीएफ ने सोमवार को खंडवा में छापेमारी कर आरोपी अब्दुल रकीब को उठा लिया। उसके आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े होने के सबूत मिले हैं।

Kunal Bhatnagar

मध्य प्रदेश के खंडवा के मैकेनिक जो आतंकवादी संगठन सिमी (स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) का सक्रिय सदस्य था, को अब पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बंगाल एसटीएफ ने सोमवार को खंडवा में छापेमारी कर आरोपी अब्दुल रकीब को उठा लिया। उसके आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े होने के सबूत मिले हैं।

वह सोशल मीडिया समूहों के द्वारा आईएसआईएस नेटवर्क से जुड़ा हुआ था। पूर्व में भी सिमी जैसे आतंकी संगठन में रहते हुए वह दो मामलों में सजा काट चुका था और एक में जमानत पर बाहर था। लेकिन सिमी का नेटवर्क फेल होने के बाद वह आईएसआईएस में शामिल हो गया।

सोशल मीडिया पर संचालित कर रहा था देश विरोधी गतिविधियां

इधर, खंडवा एसपी विवेक सिंह के मुताबिक धारा 121, 121ए, 122, 123 और 120बी के तहत दर्ज मामले में खानशहावली क्षेत्र निवासी रकीब को गिरफ्तार किया गया है। उसके द्वारा सोशल मीडिया पर ऐसी गतिविधियां संचालित की जा रही थीं, जो देश विरोधी आतंकी संगठन से जुड़ी हुई थीं।

एसटीएफ की टीम ने की कार्रवाई

एसटीएफ की टीम ने सोशल मीडिया के जरिए आतंकी गतिविधियों के रिकॉर्ड खंगाले तो खंडवा के रकीब के शामिल होने की बात सामने आई। एसटीएफ की टीम सोमवार दोपहर कोतवाली पहुंची। वहां से एसटीएफ के चार-पांच जवान एक कार में पंधाना रोड घासपुरा स्थित 16 खोली इलाके में पहुंचे। इस दौरान मस्जिद से बाहर आ रहे रकीब को पकड़ लिया और कार में बैठा कर थाने ले आए।

रकीब सात साल जेल में रहने के बाद बाहर आया

रकीब और उसका भाई रशीद सिमी से जुड़े हुए थे। पुलिस ने इनको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। रकीब और उसका भाई पश्चिम बंगाल में सात साल की जेल की सजा काटने के बाद 2013-14 में बाहर आए।

एटीएस ने फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में की थी अपील

इसके बाद उन्होंने मैकेनिक के साथ ऑटोमोबाइल का बिजनेस करना शुरू किया। 16 खोली में रकीब और उसके भाइयों की दुकान है। राशिद ने बताया कि उनका फैसला जिला अदालत से लिया गया है। अदालत ने बरी कर दिया लेकिन एटीएस ने फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की। इसके बाद से रकीब भी लगातार पेशी पर जा रहे हैं।

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