Janmashtami 2021 : आज 30 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत है। हिंदी पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी व्रत का पर्व हर साल भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। जन्माष्टमी व्रत पर भगवान श्री कृष्ण के बाल गोपाल रूप की पूजा की जानी चाहिए। आज जन्माष्टमी के पर्व पर बेहद दुर्लभ योग बन रहे हैं। इस दुर्लभ योग में भगवान कृष्ण की पूजा करना बेहद शुभ लाभदायी होगा।
शुभ मुहूर्त में करें भगवान श्री कृष्ण की पूजा
इस शुभ मुहूर्त में भगवान श्री कृष्ण की पूजा इस विधान से करें नहीं तो पूजा अधूरी रह जायेगी। इस संयोग में विधि-विधान से पूजा करने पर तीन जन्मों के जाने-अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही मन वांछित सफलता प्राप्त होने की मान्यता है।
जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण पूजा
- जन्माष्टमी का व्रत रखने वाले भक्त आज प्रातःकाल उठकर सूर्योदय के पहले स्नान आदि से निवृत होकर साफ़ व स्वच्छ कपड़ा पहन लें।
- अब सूर्योदय के समय सूर्य को नमस्कार कर पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह कर बैठें। हाथ में जल, पुष्प और सुगंध लेकर भगवान श्री कृष्ण की विधि –विधान पूर्वक पूजा करने और व्रत रहने का संकल्प लें।
- संकल्प के साथ ही अब व्रत शुरू कर दें।
- मध्याह्न के समय काले तिल जल से डाल कर स्नान करें।
- इसके बाद देवकीजी के लिए प्रसूति-गृह का निर्माण करें। इसके बाद श्रीकृष्ण मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- अब घर के मंदिर में श्री कृष्ण भगवान या फिर ठाकुर जी की मूर्ति को पहले गंगा जल से स्नान कराएं।
- इसके बाद मूर्ति को दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और केसर के पंचामृत से स्नान कराएं।
- अब शुद्ध जल से स्नान कराएं।
- रात 12 बजे भोग लगाकर लड्डू गोपाल की पूजा अर्चना करें और फिर आरती करें। पूजा प्रारंभ करने के पहले खीरा जरूर काटें