राष्ट्रीय

J&K: आतंक पर बड़ी चोट, बिट्टा कराटे की पत्नी, सैयद सलाहुद्दीन के बेटे समेत 4 सरकारी कर्मचारी बर्खास्त

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बड़ा एक्शन लेते हुए टेरर ईकोसिस्टम में संलिप्त पाए जाने पर बिट्टा कराटे की पत्नी, सैयद सलाहुद्दीन के बेटे समेत चार सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। इन सभी को संविधान के अनुच्छेद 311 को लागू करके हटाया गया है।

Om Prakash Napit

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंक के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने टेरर ईकोसिस्टम में संलिप्त पाए जाने पर बिट्टा कराटे की पत्नी, सैयद सलाहुद्दीन के बेटे समेत चार सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। इन पर आतंकियों से संबंध रखने के आरोप हैं, इसलिए सेवा से निकाला गया है। इन सभी को संविधान के अनुच्छेद 311 को लागू करके हटाया गया है। हटाए गए कर्मचारियों में बिट्टा कराटे की पत्नी का नाम सूची में सबसे ऊपर है। बता दें कि बिट्टा कराटे वह आंतकी है जिस पर कश्मीरी पंडितों की हत्या का आरोप है। इधर, उपराज्यपाल की कार्रवाई के बाद बीजेपी का बयान आया है। जम्मू-कश्मीर में बीजेपी अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकी संगठनों के सरगना और उनसे हमदर्दी रखने वालों पर कड़ा प्रहार किया है।

हटाए गए कर्मचारियों का कौन-कौन

जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के टॉप आतंकवादी फारूक अहमद डार उर्फ ​​बिट्टा कराटे की पत्नी असबाह आरजूमंद खान 2011 बैच की JKAS अधिकारी हैं। इसके अलावा, मुहीत अहमद भट कश्मीर विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक-डी के तौर पर पोस्टेड था। माजिद हुसैन कादरी कश्मीर विश्वविद्यालय में वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर और सैयद सलाहुद्दीन का बेटा सैयद अब्दुल मुईद IT, JKEDI में मैनेजर था। इन सभी को संविधान के अनुच्छेद 311 को लागू करके हटाया गया है।

बिट्टा कराटे की पत्नी का नाम सबसे ऊपर

कार्रवाई की सूची में सबसे ऊपर बिट्टा कराटे की पत्नी असबाह का नाम है। बिट्टा के आतंकवादी संगठनों समेत ISI के साथ गहरे संबंध हैं और कट्टर अलगाववादी नेता है. कराटे के ट्रायल के दौरान पत्नी असबाह चर्चा में आई थीं। असबाह को पहली बार 2003 में शेर ए कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय-कश्मीर में नौकरी मिली थी। उसकी नियुक्ति कथित तौर पर बैकडोर से हुई थी। यह भी पता चला है कि 2003 से 2007 के बीच वह महीनों तक ड्यूटी पर नहीं पहुंची और अनुपस्थित रही, लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। अंत में असबाह को अगस्त 2007 में बर्खास्त कर दिया गया।

कौन है बिट्टा कराटे

बिट्टा कराटे का असली नाम फारूक अहमद डार है। उसका नाम बिट्टा कराटे इसलिए पड़ा क्योंकि वह मार्शल आर्ट में ट्रेंड था। वह आतंकी एवं अलगाववादी नेता यासीन मलिक के प्रतिबंधित संगठन जेकेएलएफ का सदस्य रहा है। बिट्टा कश्मीरी पंडित सतीश टिक्कू समेत अन्य लोगों की हत्या का आरोपी है। वर्ष 1990 में सतीश टिक्कू की हत्या कर दी गई थी। उसका आरोप बिट्टा कराटे पर लगा था। 1991 में एक टीवी चैनल पर साक्षात्कार के दौरान बिट्टा कराटे ने स्वीकार किया था कि उसने सतीश टिक्कू समेत दर्जनों कश्मीरी पंडितों को मार डाला, जिसके बाद कश्मीरी पंडितों ने घाटी से पलायन किया। हालांकि बाद में अपनी स्वीकारोक्ति से पलटते हुए बिट्टा ने कहा था कि उसने किसी को नहीं मारा और उसने टीवी चैनल पर दबाव में उक्त बयान दिया था।

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