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Kerala Story: ‘द केरल स्टोरी’ पर बैन का नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने किया समर्थन; तो क्या सच दिखाना भी है गलत?

The Kerala Story: नवाजुद्दीन ने कहा "हम लोगों के बीच सद्भाव और प्रेम को बढ़ावा देने के लिए फिल्में बनाते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम ऐसी फिल्में बनाएं, जो लोगों को जोड़ने का काम करें"

Om Prakash Napit

The Kerala Story: सुदीप्तो सेन के निर्देशन में लव जिहाद पर बनी फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ का ताबड़तोड़ कमाई का सिलसिला लगातार जारी है। फिल्म को दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है। वहीं, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में इस फिल्म को बैन का सामना कराना पड़ा है। इस बीच बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने ‘द केरल स्टोरी’ पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने न्यूज 18 को दिए इंटरव्यू में कहा, “अगर कोई फिल्म या उपन्यास किसी को ठेस पहुंचा रहा है, तो यह गलत है। हम दर्शकों या उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए फिल्में नहीं बनाते हैं।”

उन्होंने यह भी कहा, “हम लोगों के बीच सामाजिक सद्भाव और प्रेम को बढ़ावा देने के लिए फिल्में बनाते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम ऐसी फिल्में बनाएं, जो लोगों को जोड़ने का काम करें। हमें इस दुनिया को जोड़ना है, तोड़ना नहीं।”

ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि क्या फिल्मों में वास्तविक घटनाओं को नजरअंदाज किया जाना चाहिए? क्या मजहब विशेष की क्रूर और जिहादी मानसिकता को फिल्म में दिखाना सही नहीं है? नवाजुद्दीन सिद्दीकी के विचार तो सही साबित करने का प्रसास लगते हैं।

सच्ची घटनाओं पर आधारित है फिल्म!

दरअसल, ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे केरल की हिंदू महिलाओं को अपने प्यार के जाल में फंसाकर, उनका धर्मांतरण कराकर उन्हें ISIS के आतंकवादियों की ‘सेक्स स्लेव’ बनने के लिए मजबूर किया जाता है।

यह फिल्म 5 मई 2023 को सिनेमाघरों की गई। इसके रिलीज होने के बाद भारत में भले ही वामपंथी और कट्टरपंथी गिरोह इसे प्रोपेगेंडा बताकर खारिज करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन हकीकत में यह फिल्म विदेशों तक में सराही जा रही है। ‘द केरल स्टोरी’ को देखने के बाद लंदन की पत्रकार ने भी इस फिल्म की तारीफ की है।

कई लड़कियां फिल्म के दृश्यों को ठहरा चुकी सच

फिल्म की रिलीज के बाद कई ऐसी लड़कियां सामने आई हैं, जिन्होंने फिल्म में दिखाए गए एक-एक दृश्य को सही ठहराया है। उन्होंने कैमरे के सामने खुद कबूला है कि कॉलेज में उनका ब्रेनवॉश किया गया।

श्रुति ने ऑपइंडिया को बताया था कि उन्हें इस हद तक कट्टरपंथी बना दिया गया था कि अगर कोई उनकी विचारधारा नहीं मानता और इस्लाम में कन्वर्ट करने से मना करता तो वह उसकी हत्या भी कर सकती थीं। श्रुति के अनुसार, पहले ऐसी लड़कियों को तलाशा जाता है जिन्हें हिंदू धर्म के बारे में ज्यादा न पता हो। इसके बाद इन्हें इनके धर्म के बारे में भड़काया जाता है जिसका जवाब उन लड़कियों के पास नहीं होता।

पीड़िता ने यह भी बताया था कि ब्रेनवॉश करने की प्रक्रिया में ये लोग पूछते हैं कि भगवान राम को तुम पूजते हो? बताओ उन्होंने अपनी पत्नी को क्यों छोड़ा? महिलाओं को उन्होंने क्या इज्जत दी? तुम कृष्ण को पूजते हो जिनकी इतनी पत्नियां थीं? तुम बंदरों को मानते हो। सुदीप्तो सेन की फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ की भी यही कहानी है।

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