सैन फ्रांसिस्को में खालिस्तानी समर्थकों का उपद्रव। 
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Khalistan Row: अमेरिका, ब्रिटेन में ही भारतीय दूतावासों पर हमले क्यों? कड़ी सुरक्षा फिर भी चूक

Khalistan Row: अमृतपाल समर्थकों पर कार्रवाई के विरोध में अमेरिका व ब्रिटेन में भारतीय दूतावासों पर हमले हुए। इस साजिश के पीछे का सच जानने के लिए Since Independence पर पढ़ें पूरा समाचार।

Om Prakash Napit

Khalistan Row: भारत में अमृतपाल सिंह समर्थकों पर कार्रवाई के विरोध में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में खालिस्तानी समर्थकों की ओर से भारतीय दूतावास में घुसकर तोड़फोड़ की गई। वहीं लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर भी खालिस्तानी समर्थकों ने अंदर घुसकर भारतीय झंडा उतार दिया और नारेबाजी कर हमला किया।

हालांकि इन हमलों के बाद अमेरिका और ब्रिटेन दोनों ही सरकारों ने इसकी निंदा करते हुए कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर कैसे कड़ी सुरक्षा के बावजूद दोनों देशों में भारतीय उच्चायोग पर हमलावरों की भीड़ आसानी से दाखिल हो गई? अमेरिका और ब्रिटेन में ही खालिस्तानी समर्थकों ने उपद्रव क्यों किया? क्या अंदरखाने वहां खालिस्तानी मूवमेंट को हवा दी जा रही है।

अमेरिका, ब्रिटेन में खालिस्तानियों का उपद्रव

खालिस्तान समर्थकों के एक ग्रुप ने रविवार (19 मार्च) को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास पर हमला कर वहां तोड़फोड़ की थी। खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड तोड़ दिए और दूतावास के अंदर दो तथाकथित खालिस्तानी झंडे लगा दिए थे। हालांकि, दूतावास के दो कर्मियों ने जल्द ही उन झंडों को हटा दिया था। इसके बाद, प्रदर्शनकारियों का एक ग्रुप दूतावास में घुस गया और दरवाजे-खिड़कियां तोड़ दीं।

लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर रविवार (19 मार्च) को खालिस्तानी झंडे लहराते हुए और खालिस्तानी समर्थक नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने लंदन में भारतीय उच्चायोग के ऊपर फहराए गए तिरंगे को उतारने का प्रयास किया। उच्चायोग के अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारियों का यह प्रयास नाकाम रहा और तिरंगा शान से लहरा रहा है।

उपद्रव के बाद निंदा की खानापूर्ति

व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद समन्वयक जॉन किर्बी ने घटना की निंदा करते हुए कहा, 'यह हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है।' जॉन किर्बी ने एक सवाल के जवाब में कहा, "विदेश मंत्रालय की डिप्लोमेटिक सिक्योरिटी सर्विस स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर मामले को देख रही है। मैं सैन फ्रांसिस्को पुलिस की तरफ से कुछ नहीं कह सकता, लेकिन मैं इतना कह सकता हूं कि उचित जांच की जा रही है।"

लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तानी समर्थकों के हमले पर ब्रिटेन के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने आक्रोश प्रकट किया है। खालिस्तानी समर्थकों को चेतावनी देते हुए सांसद बॉब ने लंदन पुलिस से इनपर सख्त कार्रवाई करने को कहा है। बॉब ने कहा, ‘खालिस्तान को सपोर्ट करने वाला सिख समुदाय का एक बहुत छोटा तबका है।

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