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कुलदीप बिश्नोई ने थामा बीजेपी का दामन, कांग्रेस विधायक पद इस्तीफा देकर हुए शामिल

विधायक पद से कुलदीप बिश्नोई का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ की अध्यक्षता में दिल्ली में पार्टी में शामिल हो गए हैं।

Kunal Bhatnagar

विधायक पद से कुलदीप बिश्नोई का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। आज बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ की अध्यक्षता में दिल्ली में पार्टी में शामिल हो गए हैं। कुलदीप रेणुका बिश्नोई समेत 15 करीबी सदस्यों के साथ भाजपा मुख्यालय पहुंचे।

कुलदीप के हजारों समर्थक दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पहुंच गए हैं। लेकिन सिर्फ 15 लोगों के नामों की सूची पार्टी मुख्यालय में दी गई है। कुलदीप ने बीजेपी में शामिल होने से पहले 2 अगस्त को सुबह 10.10 बजे ट्वीट किया था। कुलदीप कल चंडीगढ़ से दिल्ली स्थित अपने आवास के लिए निकले थे। कुलदीप बिश्नोई ने जैसे ही कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा दिया तो उनके बेटे भव्य बिश्नोई ने एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा है कि अलविदा कांग्रेस। तुमसे युद्ध के मैदान पर मिलते हैं। भव्या ने ट्विटर पर एक लेटर भी लिखा है।

कुलदीप बिश्नोई के बेटे ने साझा की इस्तीफे की वजह

कुलदीप बिश्नोई के बेटे ने साझा की इस्तीफे की वजह

भव्य ने कहा कि कुछ लोगों का तर्क है कि कांग्रेस ने उनके परिवार को बहुत कुछ दिया। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मेरे दादा युगपुरुष स्वर्गीय भजनलाल ने कांग्रेस पार्टी को सब कुछ दिया। हरियाणा में कांग्रेस को 4 बार सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाई। पिछली बार 2005 में जब भूपेंद्र हुड्डा ने बेशर्मी से मेरे दादाजी की मेहनत का फल खाया था, तब हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के वोट शेयर में लगातार गिरावट आई थी।

पार्टी छोड़ चुके है कई बड़े नेता

कई बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। मेरे पिता कुलदीप बिश्नोई ने 2016 में HJC का कांग्रेस में विलय इस उम्मीद में किया था कि उनकी क्षमताओं और लोकप्रियता को स्वीकार करके, केंद्रीय कांग्रेस नेतृत्व उन्हें पार्टी में एक योध्दा की तरह इस्तेमाल करेगा और लेकिन पार्टी ने उन्हें धोखा दिया।

पार्टी नेतृत्व ने अपनी क्षमता को बर्बाद कर दिया

पिछले 6 वर्षों में, पार्टी नेतृत्व ने मेरे पिता की क्षमता को बर्बाद कर दिया है, और उनसे किए गए वादों से मुकर गया है। मेरे पिता लालची नहीं हैं लेकिन परिणाम देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मेरा परिवार, जिसने हमेशा राजनीति को मानव सेवा के साधन के रूप में अपनाया है, कांग्रेस में घुटन महसूस कर रहा है। इसलिए ऊपर बताए गए कारणों से मैंने अपने मतदाताओं, कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों से सलाह-मशविरा करने के बाद ही कांग्रेस पार्टी छोड़ने का फैसला किया है।

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