यूपी के लखीमपुर में दो नाबालिग बहनों के लाश मिलने के मामले में अब सियासत की धार तेज होने लगी है। सत्ता पक्ष आरोपियों को जल्द से जल्द कड़ी से कड़ी सजा देने का दावा कर रहा है तो विपक्ष ने योगी सरकार को कानून व्यवस्था को लेकर कोसना शुरू कर दिया है। हालांकि पुलिस का दावा है कि मुख्य आरोपी सहित 6 आरोपियों का गिरफ्तार कर लिया गया है और एनकाउंटर में एक आरोपी को गोली भी लगी है।
इधर डिप्टी सीएम ने कहा, "दोनों बहनों की गला दबाकर हत्या कर दी है. उसके बाद उनके चुन्नी से गला दबाकर हत्या कर दी. बहनों को लटकाने से पहले आरोपियों ने फोन करके दो और लोगों सुहैल व जुनौद को बुलाया था. उसके बाद इस दुखद घटना को अंजाम दिया गया. इस पूरे मामले में सरकार ऐसी कठोर कार्रवाई करेगी कि आने वाली पीढ़ियों की ऐसी घटना करने से पहले रूह कांपेगी. सरकार पूरी तरह से पीड़ित परिवार के साथ है."
वहीं साथ में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का भी बयान सामने आय़ा है, उन्होने कहा है कि हर स्थिति में न्याय किया जाएगा।
ब्रजेश पाठक ने कहा, "हर स्थिति में उनको न्याय मिलेगा. पूरे प्रकरण को हम फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाएंगे. हम शीघ्र से शीघ्र सजा दिलाएंगे. हमारी सरकार ने अधिकारियों के साथ बहुत चिंता व्यक्त की है. जिन अधिकारियों ने घटना की जांच पूरी की है उनको मैं बधाई देता हूं. मैं कहता हूं कि पीड़ित परिवार के साथ संवेदन शीलता के साथ काम करें. हर स्थित में पीड़ित परिवार को संतुष्ट करने वाली जांच होनी चाहिए."
वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना को हाथरस की पुनरावृत्ति बताया है। इसके बाद प्रियंका गांधी और संजय सिंह ने भी सवाल खड़े किए हैं।
इस घटना पर अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा, "निघासन पुलिस थाना क्षेत्र में दो दलित बहनों को अगवा करने के बाद उनकी हत्या और उसके बाद पुलिस पर पिता का ये आरोप बेहद गंभीर है कि बिना पंचनामा और सहमति के उनका पोस्टमार्टम किया गया. लखीमपुर में किसानों के बाद अब दलितों की हत्या ‘हाथरस की बेटी’ हत्याकांड की जघन्य पुनरावृत्ति है." इसके साथ सपा प्रमुख ने एक वीडियो भी शेयर किया है।
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, "लखीमपुर (उप्र) में दो बहनों की हत्या की घटना दिल दहलाने वाली है. परिजनों का कहना है कि उन लड़कियों का दिनदहाड़े अपहरण किया गया था. रोज अखबारों व टीवी में झूठे विज्ञापन देने से कानून व्यवस्था अच्छी नहीं हो जाती. आखिर उप्र में महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध क्यों बढ़ते जा रहे हैं? कब जागेगी सरकार?"