अब दुश्मनों के टैंकों की खैर नहीं है। हमारे मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन (MBT) से सिर्फ गोले ही नहीं निकलेंगे, बल्कि लेज़र गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (LG-ATGM) भी दुश्मन की मौत का सबब बनेंगे। गुरुवार, 4 अगस्त को भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने पुणे स्थित केके रेंज पर लेज़र गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया। डीआरडीओ के इस काम में अहमदनगर स्थित ऑर्मर्ड कॉर्प्स सेंटर एंड स्कूल ने मदद की थी।
लेज़र गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) ने पूरी सटीकता के साथ टारगेट पर निशाना लगाया। खास बात यह है कि ये मिसाइल नजदीक और दूर दोनों टारगेट्स को मारकर गिराने में सक्षम है। इस दौरान मिसाइल की टेलीमेट्री और फ्लाइट परफॉर्मेंस सही थी। इस स्वदेशी एंटी-टैंक मिसाइल में टैंडम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक (HEAT) हथियार लगा है, जो अत्याधुनिक एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ERA) कवच वाले बख्तरबंद वाहनों को छेद सकता है। यानी आज के जमाने का कोई टैंक या बख्तरबंद वाहन इससे बच नहीं सकता।
टैंक से दागे जाने वाले ATGM तके साथ दिक्कत आती है कम ऊंचाई और कम दूरी पर हमला करना। क्योंकि टैंक की बैरल इतनी नीचे नहीं जाती। डीआरडीओ के वैज्ञानिकों या रक्षा मंत्रालय ने अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि यह कौन सा ATGM था? उसकी कितनी रेंज थी? मारक क्षमता कितनी थी? वैसे भारत के पास 10 एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें हैं, जो दुश्मन के तोपों की हालत खराब कर सकते हैं।