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Maharashtra News : गुजराती-राजस्थानी वाला बयान देकर फंसे गवर्नर, उद्धव बोले- अब कोल्हापुरी चप्पलें भी देखें कोश्यारी

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के गुजराती-राजस्थानी वाले बयान ने तूल पकड़ा तो उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया। लेकिन उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे और कांग्रेस ने उनके बयान की निंदा करते हुए इसे महाराष्ट्र वासियों का अपमान बताया है। उद्धव ने तो बयान में कोल्हापुरी चप्पलों तक की बात कह दी।

Om Prakash Napit

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के गुजराती-राजस्थानी वाले बयान ने तूल पकड़ा तो उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि राजस्थानी समाज के कार्यक्रम में मैंने जो बयान दिया था, मेरा मराठी लोगों को कम आंकने का कोई इरादा नहीं था। मैंने केवल गुजराती और राजस्थानी लोगों की ओर से व्यापार में दिए गए योगदान पर बात की थी। उधर, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के गुजरातियों और राजस्थानियों वाले बयान पर पर बुरी तरह भड़क गए। उद्धव ने कोश्यारी के बयान की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि राज्यपाल ने महाराष्ट्र में हर चीज का आनंद लिया है। अब समय आ गया है कि वो कोल्हापुरी चप्पलें भी देखें।

गौरतलब है कि एक कार्यक्रम में कोश्यारी ने शुक्रवार को कहा था, 'कभी-कभी मैं यहां के लोगों से कहता हूं कि महाराष्ट्र से, विशेषकर मुंबई और ठाणे से गुजरातियों और राजस्थानियों को निकाल दो तो तुम्हारे यहां कोई पैसा बचेगा ही नहीं। ये आर्थिक राजधानी कहलाएगी ही नहीं।'

उधर, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी अपने बयान को लेकर विपक्ष के निशाने पर आ गए। शिवसेना, मनसे, NCP और कांग्रेस के बाद अब बीजेपी विधायक आशीष शेलार ने भी उनके बयान से असमहति जताई है। बीजेपी विधायक आशीष शेलार ने ट्वीट किया, ‘माननीय राज्यपाल के बयान के साथ हम कतई सहमत नहीं हैं। महाराष्ट्र और मुंबई मराठी लोगों की मेहनत, पसीने और शहादत के साथ खड़े हैं। ऐसा हमारा गौरवशाली इतिहास पनो पानी कहता है. किसी को भी उसे किसी भी स्थिति से नाखुश करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए!’

इससे पहले शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र में बीजेपी पुरस्कृत मुख्यमंत्री के काबिज होते ही स्थानीय मराठी और छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान शुरू हो गया है। स्वाभिमान और अभिमान के नाम पर बनी शिवसेना से निकलने वाले लोग यह सुनकर भी चुप बैठे हैं। राज्य के लोगों ने अपनी मेहनत से महाराष्ट्र बनाने के लिए पसीना, खून बहाया है। सीएम एकनाथ शिंदे इसकी निंदा करें और केंद्र से राज्यपाल को हटाने की मांग करें। यह सावित्रीबाई फुले और शिवाजी का अपमान है।

उद्धव ने कहा- अब कोल्हापुरी चप्पलें भी देखें कोश्यारी

पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल के बयान को मराठी लोगों का अपमान बताया है। ठाकरे ने कहा कि राज्यपाल के बयान ने मराठी मानुषों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई. मुंबई और ठाणे में निगम चुनाव होने जा रहे हैं और कोश्यारी राज्यपाल की कुर्सी पर बैठे हैं। वो समुदायों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। सवाल ये है कि उन्हें घर कब वापस भेजा जाएगा? उद्धव ठाकरे ने यहां तक कहा कि राज्यपाल कोश्यारी ने महाराष्ट्र में हर चीज का आनंद लिया है। अब समय आ गया है कि वो कोल्हापुरी चप्पलें भी देखें।

राज ठाकरे बोले- पहले महाराष्ट्र का इतिहास जानें

उद्धव से पहले MNS प्रमुख राज ठाकरे ने भी राज्यपाल के बयान को लेकर कड़ा विरोध जता चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘मराठी आदमी को मूर्ख मत बनाओ!’ राज ठाकरे ने राज्यपाल को सलाह दी है कि अगर महाराष्ट्र के इतिहास के बारे में नहीं जानते हैं तो बात न करें।

महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ ने भी निंदा

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, ‘हम महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा की गई टिप्पणी की निंदा करते हैं। उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्हें तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटाया जाना चाहिए।‘

राज्यपाल कोश्यारी माफी मांगें : NCP

NCP विधायक ने कहा है कि महाराष्ट्र और मुंबई के लोग कुशल और सक्षम हैं। हम ईमानदार लोग हैं जो चटनी से रोटी खाते हैं और दूसरों को खिलाते हैं। विधायक मितकारी ने कहा है कि आपने मराठी लोगों का अपमान किया है। जल्द से जल्द महाराष्ट्र से माफी मांगें।

राज्यपाल कोश्यारी ने दी सफाई

अब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने बयान को वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि राजस्थानी समाज के कार्यक्रम में मैंने जो बयान दिया था, मेरा मराठी लोगों को कम आंकने का कोई इरादा नहीं था। मैंने केवल गुजराती और राजस्थानी मंडलों द्वारा व्यापार में किए गए योगदान पर बात की। मराठी लोगों ने मेहनत कर महाराष्ट्र का निर्माण किया मराठी लोगों के योगदान को कम करके आंकने का सवाल ही नहीं उठता, लेकिन मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। महाराष्ट्र के निर्माण में मराठी लोगों की मेहनत का सबसे ज्यादा योगदान है।

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