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Monkeypox In Kerala: भारत में तेजी से पैर पसार रहा मंकीपॉक्स, केरल में मिला एक और मरीज, एक की हो चुकी मौत

केरल में मंकीपॉक्स से एक मरीज की मौत के बाद अब एक और मंकीपॉक्स का मामला सामने आने से लोगों और सरकार की चिंता बढ़ गई है। मलप्पुरम में 30 वर्षीय संक्रमित का इलाज चल रहा है।

Om Prakash Napit

भारत में मंकीपॉक्स वायरस तेजी से पांव पसारने लगा है। दक्षिणी राज्य केरल में मंकीपॉक्स से एक मौत के बाद अब मंकीपॉक्स का एक और नया मामला सामने आया है। इससे सरकार की चिंता बढ़ गई है, साथ ही लोग दहशत में हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि मलप्पुरम में एक और 30 वर्षीय व्यक्ति में संक्रमण पाया गया है जिसका इलाज अस्पताल में चल रहा है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि संक्रमित व्यक्ति 27 जुलाई को कालीकट हवाई अड्डे पर पहुंचा था और लक्षण पाए जाने के बाद उसे आइसोलेट कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि मरीज की स्वास्थ्य स्थिति फिलहाल स्थिर है। उसके माता-पिता सहित उसके निकट संपर्क में रहने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में मंकीपॉक्स का यह पांचवां मामला है।

भारत में मंकीपॉक्स से हो चुकी पहली मौत

30 जुलाई को केरल के त्रिशूर में एक 22 साल के व्यक्ति की मौत हो गई थी। मृतक में मंकीपॉक्स के लक्षण पाए गए थे और वह हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा कर भारत लौटा था। युवक की रिपोर्ट संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में ही मंकीपॉक्स पॉजिटिव आई थी। हालांकि केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि युवक की मौत के कारणों की जांच की जाएगी। उसके नमूनों की रिपोर्ट अब तक आई नहीं है। उन्होंने कहा कि मरीज नौजवान था और उसमें बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी कोई दूसरी दिक्कत नहीं थी।

अब तक 75 देशों में वायरस की पुष्टि

एक नया वायरस मंकीपॉक्स दुनियाभर के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। भारत सहित अब तक 75 देशों में वायरस की पुष्टि हो चुकी है। 16 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 5 लोगों की जान जा चुकी है। अकेले भारत में 5 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिसमें 3 केरल में और एक मरीज दिल्ली में है, जबकि केरल में ही एक मरीज की मौत हो चुकी। WHO ने मौजूदा हालात को देखते हुए ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर दी है।

ये हैं मंकीपॉक्स के लक्षण

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मंकीपॉक्स के लक्षण 6 से 13 दिन के अंदर दिखाई देने लगते हैं। हालांकि कई बार 5 से 21 दिन का समय भी ले सकता है। संक्रमित होने पर अगले 5 दिन के अंदर बुखार, सिरदर्द, थकान और पीठ में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं। बुखार होने के तीन दिन के अंदर त्वचा पर दाने आने लगते हैं। मंकीपॉक्स भले कोरोना जैसे फैल रहा है लेकिन ये कोविड जितना घातक नहीं है। मंकीपॉक्स के लक्षण नजर आएं तो घबराएं नहीं। लक्षणों से मंकीपॉक्स की स्थिति को समझते हुए इलाज कराएं।

मंकीपॉक्स कितना खतरनाक

डब्ल्यूएचओ के अनुसार कुछ मामले में यह सीवियर हो सकता है। दो स्ट्रेन हैं। पहला कांगो और दूसरा पश्चिमी अफ्रीकी स्ट्रेन। दोनों स्ट्रेन में 5 साल से छोटे बच्चों को अधिक खतरा है। कांगो स्ट्रेन से संक्रमण में डेथ रेट 10 परसेंट तक हो सकता है, जबकि पश्चिमी अफ्रीकी स्ट्रेन में यह 1 से 3 परसेंट तक हो सकता है।

कैसे फैलता है यह वायरस

यह जानवरों में होने वाला वायरस है। किसी संक्रमित जानवर के संपर्क में आने से यह इंसान तक पहुंचता है और फिर इंसान से यह दूसरे इंसान और फिर कम्यूनिटी स्तर पर फैल सकता है। वायरस मरीज के जख्म से निकल कर आंख, नाक और मुंह के जरिए दूसरे इंसान तक पहुंच सकता है। यह कुत्ते, बिल्ली, बंदर जैसे जानवरों के संपर्क में आए बेडस, कपड़े से भी फैल सकता है। एक संक्रमित इंसान के बहुत करीब जाने, हाथ मिलाने से यह फैल सकता है। सेक्स करने और किस करने पर भी यह वायरस फैल सकता है।

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