डेस्क न्यूज़- पश्चिम बंगाल में चुनाव संपन्न होने के बाद आज विधानसभा का पहला सत्र शुरू होते ही विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। राज्यपाल जगदीप धनखड़ जैसे ही अभिभाषण पढ़ने के लिए उठे, भाजपा और टीएमसी विधायकों के बीच जमकर बवाल हुआ, जिसके बाद राज्यपाल बिना अभिभाषण पढ़े हीसदन से निकल गए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल धनखड़ के बीच सदन के बाहर बैठक हुई। इस दौरान दोनों के बीच कुछ देर बातचीत भी हुई। इससे पहले राज्यपाल जगदीप धनखड़ पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह सदन में सरकार द्वारा लिखी गई सारी बातें नहीं बोलेंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्यपाल जगदीप धनखड़ जैसे ही अभिभाषण के लिए उठे, भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। भाजपा विधायक सदन के अंदर जय श्री राम के नारे लगाते हुए सदन से बाहर निकल आए। उसके बाद राज्यपाल भी बिना अभिभाषण के बाहर आ गए। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि बंगाल चुनाव के बाद हुई हिंसा की घटना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
नियमानुसार विधानसभा का बजट सत्र राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होता है। राज्य सरकार इस अभिभाषण को तैयार करती है और राज्यपाल इसे सदन में पढ़ते हैं। आमतौर पर संबोधन में सरकार के काम की उपलब्धियों और आने वाली योजनाओं का खाका होता है, लेकिन राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कई मौकों पर ममता सरकार के काम पर सवाल उठाए हैं।
गौरतलब है कि बंगाल चुनाव में बीजेपी की हार के बाद पार्टी से कई नेताओं का मोहभंग शुरू हो गया है। हाल ही में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय टीएमसी में वापस लौटे हैं, तब से बीजेपी से टीएमसी में जाने का सिलसिला जारी है। ममता सरकार विपक्षी दल बीजेपी के निशाने पर है। वहीं ममता बनर्जी भी बीजेपी पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ती हैं। पिछले दिनों सीएम ममता बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को भ्रष्ट बताया था। जिस पर राज्यपाल ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। राज्यपाल धनखड़ ने कहा था कि उन पर सभी आरोप राजनीति की भावना से प्रेरित होकर लगाए जा रहे हैं।