राष्ट्रीय

PFI ने 'गजवा-ए-हिन्द' के लिए मजहबियों को बाँटे 15 हजार हथियार

Kuldeep Choudhary

कुलदीप चौधरी-

पटना के फुलवारी शरीफ से पाक आतंकी मरगूब अहमद की गिरफ़्तारी के बाद से ही रोज नए खुलासे हो रहें है। पुलिस जाँच में सामने आया की PFI 'गजवा-ए-हिन्द' के लिए महजबी नुमाइंदों को अब तक 15 हजार से अधिक वैपन भी बांट चुकी है। साथ ही ये भी पता चला है कि गजवा-ए-हिंद के नाम से बनाए गए दो वाट्सएप ग्रुप और मैसेंजर के जरिए देश में हिंसा फैलाने की साजिश रची जा रही थी। इन वाट्सएप ग्रुप में पाकिस्तान और बांग्लादेश के 181 लोगों के जुड़े होने का पता चला है। इन नंबरों कि जानकारी पुलिस ने एटीसी व अन्य सेन्ट्रल एजेंसियों को भी दे दी है। पुलिस जल्द ही इस मामले में अब ताहिर को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।

ताहिर की गिरफ़्तारी से स्लीपर सेल का खुलासा

मागुब अहमद डेनिश उर्फ़ ताहिर गजवा-ए-हिंद नाम से वाट्सएप ग्रुप चलाता था. जून और जुलाई में ताहिर ने 18 पाकिस्तानी नंबरों और 3 भारतीय नंबरों गजवा ए हिन्द ग्रुप से जोड़ा था। ताहिर सोशल मिडिया पर काफी सक्रिय था।

वह कई पाकिस्तानी ग्रुपों में भी था। हाल ही में 22 जून को एक पाकिस्तानी से व्हाट्सप्प चैट भी की, जिसमें वह लिखता है कि मै ISI से हूँ। 5 साल से काम कर रहा हु और इण्डिया में गजवा ए हिन्द को प्रमोट कर रहा हूँ। उसके मोबाईल पर VIP एप भी इनस्टॉल मिला, जिस पर उसने कई आतंकी विडिओ भी पोस्ट कर रखें थे। मरगूब के कब्जे से कश्मीर से जुड़े कई भड़काऊ और आतंकी गतिविधि के वीडियो मिले हैं।

उसके वाट्सएप डीपी पर भारत के नक्शे को हरे रंग से रंगकर पाकिस्तानी झंडा लगाया गया था। गजवा-ए-हिंद कश्मीर का एक संगठन है। जिसका कमांडर साल 2017 से 2019 तक आतंकी मूसा रहा था। मूसा के 2019 में मारे जाने के बाद अब इब्राहिम इसका कमांडर है।

अतहर 10 हजार युवाओं को दे चुका ट्रेनिंग

पुलिस जाँच में सामने आया की PFI ने 15 से अधिक जिलों में ट्रेनिंग सेंटर खोल रखें है। इन ट्रेनिंग सेंटरों पर युवाओं में महजबी जहर घोलकर उनका ब्रैनवॉश किया जाता है। पत्थरबाज़ी से लेकर साम्प्रदायिक दंगों तक कि प्लानिंग कि जाती है। अतहर और उसकी टीम अब तक 10 हजार से अधिक युवाओं को ट्रेनिंग दे चुकी है। साथ ही यह भी सामने आया की PFI 'गजवा-ए-हिन्द' के लिए महजबी नुमाइंदों को 15 हजार से अधिक वैपन भी बाँट चुकी है ।

5 आतंकवादी गिरफ़्तार किये जा चुके

बता दें कि 11 जुलाई को आईबी से मिली खुफिया सूचना पर पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ से पीएफआई और एसडीएफआई के दो सदस्यों अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को गिरफ्तार किया था. यह लोग यहां एक बिल्डिंग में एनजीओ की आड़ में दफ्तर खोल कर पीएफआई से जुड़े कई राज्यों के युवाओं को हथियार और अस्त्र-शस्त्र चलाने की ट्रेनिंग देते थे. इनके कब्जे से पीएफआई के झंडे, बैनर, पंपलेट और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज मिले थे. इस मामले में अब तक 26 नामजद लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है जबकि पांच लोग गिरफ्तार किए गए हैं. पकड़े गए लोगों के नाम अतहर पवेज, मोहम्मद जलालुद्दीन, अरमान मलिक, मरगुब दानिश और नुरुद्दीन जंगी है.

नफरत का जहर कब तक

जिओ और जीने दो वाले हिंदुस्तान में महजब का जहर घोलकर युवाओं को नफ़रत का पथ पढ़ाया जाता है फिर उन्हें हथियार बाँट कर ट्रेनिंग दी जाती है।हाथों में पत्थर और हथियारदेकर हमारे बिच छोड़ देते है करने को गजवा - ए - हिन्द ।फिर एक के बाद एक सर कलम का सिलसिला शुरू हो जाता है और फिर अंजाम होता है, कन्हैया लाल जैसा। आखिर कब तक यूँ ही गजवा ए हिन्द का सिलसिला चलता रहेगा? अपने ही देश में कब तक डर-डर कर जीना होगा?

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