PM Daavedar: भारत जोड़ो यात्रा के बहाने कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को विपक्ष का साझा PM चेहरा बनाने के मूड में है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की राजनीतिक दलों को लिखी गई चिट्ठी इसी ओर इशारा करती है। भारत जोड़ो यात्रा 30 जनवरी को जन्मू-कश्मीर के श्रीनगर में संपन्न होगी। इसके समापन कार्यक्रम में विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने के लिए कांग्रेस ने 21 दलों को चिट्ठी लिखकर आमंत्रित किया है।
शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट, एनसीपी, पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस आदि विपक्षी दलों का तो राहुल गांधी को समर्थन मिल चुका है, लेकिन प्रश्न यह उठता है कि क्या तमाम विपक्षी दलों को राहुल गांधी का नेतृत्व स्वीकार होगा? क्या ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, शरद पंवार, के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) जैसे दिग्गज नेताओं को राहुल स्वीकार होंगे? इतना ही नहीं अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, मायवती के भी तेवर कुछ कम नहीं है।
गौरतलब है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव भी 2024 के आम चुनाव से पहले विपक्ष को एक मंच पर लाने की कोशिश में जुटे हैं। उन्होंने 18 जनवरी को एक विशला रैली का ऐलान किया है, जिसके लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आदि को आमंत्रित किया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी प्रधानमंत्री पद की दावेदार हो सकती हैं। अभी लोकसभा में टीएमसी के 23 लोकसभा सदस्य और 13 राज्यसभा सदस्य हैं। ममता ने 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कई राज्यों में पार्टी का विस्तार शुरू कर दिया है। अगर चुनाव में टीएमसी अच्छा प्रदर्शन कर लेती है तो ममता की दावेदारी और मजबूत हो जाएगी।
बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार भी भाजपा से अलग होने के बाद से विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हैं। नीतीश की पार्टी के पास अभी 16 लोकसभा सदस्य और पांच राज्यसभा सदस्य हैं। नीतीश कुमार को आरजेडी का भी साथ मिला हुआ है। आरजेडी के पास अभी छह राज्यसभा सदस्य हैं। अगर दोनों मिलकर 2024 लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो नीतीश कुमार की दावेदारी और मजबूत हो सकती है।
विपक्ष के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक शरद पवार भी पीएम पद के दावेदारों में हैं। अगर किसी एक नाम पर विपक्ष की सहमति नहीं बनती है तो पवार का नाम आगे हो सकता है। पवार को विपक्ष के सभी दल अपना समर्थन दे सकते हैं।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने यूं तो खुलकर खुद को कभी पीएम पद का उम्मीदवार नहीं बताया, लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि वे विपक्षी दलों को एकजुट करके खुद को पीएम उम्मीदवार बनाने में जुटे हैं। राव ने अपनी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए टीआरएस का नाम बदलकर भारतीय राष्ट्र समिति भी कर दिया है। राव की पार्टी के पास अभी लोकसभा में 9 और राज्यसभा में 7 सांसद हैं।
के चंद्रशेखर राव भी पहले विपक्ष को एक मंच पर लाने की कोशिश में जुटे हैं। उन्होंने 18 जनवरी को एक विशला रैली का ऐलान किया है, जिसके लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आदि को बुलावा भेजा है।