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Politics on Statement: 'बकरीद में बचेंगे तो...' बयान देकर फंसे खड़गे, BJP बोली- मातम के महीने में जश्न कैसे?

राहुल गांधी के प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के सवाल पर 'बकरीद में बचेंगे तो मुहर्रम में नाचेंगे' बयान देकर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे फंसते नजर आ रहे हैं। भाजपा ने इसे मजहब विशेष का अपमान बताते हुए कहा है कि मोहर्रम एक शोक और मातम का महीना है, इस मातम के महिने में भला कोई जश्न कैसे मना सकता है?

Om Prakash Napit

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे ने 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के सवाल का जवाब सीधा नहीं दिया। उन्होंने इस सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'बकरीद में बचेंगे तो मुहर्रम में नाचेंगे।' भोपाल में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दिए गए उनके बयान का जहां राजनीतिक रणनीतिकार अलग-अलग भावार्थ निकाल रहे हैं, वहीं भाजपा ने इसे एक मजहब विशेष से जोड़कर कड़े शब्दों में निंदा की है।

गौरतलब है कि भोपाल के प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे से जब मीडिया के लोगों ने राहुल के प्रधानमंत्री उम्मीदवारी का सवाल दागा तो खड़गे सीधा जबाव देने से बचते नजर जाए। उन्होंने कहा कि मैं संगठनात्मक चुनाव लड़ रहा हूं। एक कहावत है 'बकरीद में बचेंगे तो मुहर्रम में नाचेंगे'। पहले इन चुनावों को खत्म होने दें और मुझे अध्यक्ष बनने दें, फिर हम इस बारे में देखेंगे।

पूनावाला बोले- मोहर्रम एक मातम का महीना, जश्न कैसे मना सकते हैं?

इधर, मल्लिकार्जुन खड़गे के 'बकरीद में बचेंगे तो मुहर्रम में नाचेंगे' वाले बयान को लेकर बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है। बीजेपी ने सवाल उठाया है कि आखिर मोहर्रम में जश्न की बात कैसे की जा सकती है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्विटर पर एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि, मल्लिकार्जुन खड़गे जो कि कांग्रेस के प्रथम परिवार के अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार हैं। उनसे जब पूछा गया कि 2024 में कांग्रेस का प्रधानमंत्री का चेहरा कौन होगा, तब उन्होंने कहा-'बकरीद में बचेंगे तो मोहर्रम में नाचेंगे...' ये बेहद आपत्तिजनक बयान है। मोहर्रम एक शोक और मातम का महीना है, इसमें नाचना-गाना नहीं होता है। ये मुसलमानों की भावनाओं को आहत करने वाला गंभीर बयान है।

सामूहिक नेतृत्व में करते हैं भरोसा : खड़गे

मालूम हो कि पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव लड़ने के लिए राज्यसभा में विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा देने वाले खड़गे को पार्टी सांसद शशि थरूर से टक्कर का सामना करना पड़ रहा है। खड़गे ने इस दौरान कांग्रेस के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनसे उनके पक्ष में वोट करने की अपील की। कांग्रेस नेता ने कहा कि वह सामूहिक नेतृत्व में भरोसा करते हैं।

उदयपुर घोषणा पत्र लागू करने का फिर किया वादा

खड़गे ने इस दौरान कहा कि गांधी परिवार के सदस्य पार्टी के अध्यक्ष पद बनने के लिए सहमत नहीं हुए, जिसके कारण पार्टी के कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं ने उनसे इस पद के लिए चनाव लड़ने का अनुरोध किया। इसी कारण वह चुनावी मैदान में उतरे। उन्होंने इस दौरान पार्टी के उदयपुर घोषणा पत्र को लागू करने का एक बार फिर से वादा किया।

उन्होंने कहा, 'पार्टी के अध्यक्ष चुने जाने के बाद मैं उदयपुर घोषणा पत्र को हर हाल में लागू करूंगा।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस लोगों के अधिकारों के लिए लड़ेगी। उन्होंने आगे कहा कि वह सिर्फ संगठनात्मक चुनाव तक शशि थरूर के खिलाफ मैदान में हैं हमारे बीच कोई अंतर नहीं है। हम दोनों मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे।

'टीआरएस नाम बदलने भर से नहीं बन सकती राष्ट्रीय पार्टी'

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे ने हैदराबाद कहा था कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) केवल नाम बदल लेने से राष्ट्रीय पार्टी नहीं बन सकती। उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रीय दलों ने अतीत में राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए नाम बदले, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

उन्होंने सवाल किया, 'एडीएमके अन्नाद्रमुक बन गई, टीएमसी अखिल भारतीय टीएमसी बन गई। क्या वे राष्ट्रीय दल बन गए।' कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रचार करने के लिए हैदराबाद पहुंचे खड़गे पार्टी मुख्यालय गांधी भवन में पत्रकारों से बात कर रहे थे। मालूम हो कि टीआरएस के पिछले दिनों अपना नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) कर लिया था।

मुसलमानों की भावनाओं को आहत करने का आरोप

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इस मामले को लेकर कई ट्वीट किए और टीवी चैनलों पर भी खड़गे को घेरने की कोशिश की। उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि, मल्लिकार्जुन खड़गे जो कि कांग्रेस के प्रथम परिवार के अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार हैं। उनसे जब पूछा गया कि 2024 में कांग्रेस का प्रधानमंत्री का चेहरा कौन होगा, तब उन्होंने कहा-'बकरीद में बचेंगे तो मोहर्रम में नाचेंगे'।।। ये बेहद आपत्तिजनक बयान है। मोहर्रम एक शोक और मातम का महीना है, इसमें नाचना-गाना नहीं होता है। ये मुसलमानों की भावनाओं को आहत करने वाला गंभीर बयान है।

बीजेपी नेता ने अपने इस वीडियो में कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए भी एक मैसेज दिया। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस को इस पर स्पष्टीकरण तो देना ही चाहिए, लेकिन इस बयान का एक और निष्कर्ष भी है। जिस तरह उन्होंने अपनी बातें रखी हैं, उससे कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को उनकी मंशा समझ जानी चाहिए और कांग्रेस पार्टी की जो देश में दयनीय स्थिति बन गई है, उसका भी वो विवरण दे रहे हैं।

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