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महामहिम ने MP में लागू किया पेसा एक्ट, CM बोले- अब नही चलेगा धर्मांतरण का कुचक्र

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहडोल में जनजातीय गौरव दिवस समारोह के मंच से नियमावली का विमोचन कर पेसा एक्ट लागू किया।

Kuldeep Choudhary

मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मध्यप्रदेश के शहडोल में पेसा एक्ट (Panchayats (Extension to Scheduled Areas) Act, 1996) लागू किया। इस एक्ट को शहडोल में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस समारोह के मंच से नियमावली का विमोचन कर लागू किया गया।

अब पेसा एक्ट लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश का 7वां राज्य बन गया है इससे पहले 6 राज्यों (हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र) में पेसा एक्ट लागू है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी देशवासियों को बधाई देते हुए कहा -

राष्ट्रपति के रूप में ये मेरी मध्यप्रदेश की पहली यात्रा है। इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित भाई-बहनों के बीच आकर बहुत खुश हूं। हमारे देश में जनजातीय आबादी की संख्या दस करोड़ है। डेढ़ करोड़ से ज्यादा आबादी मध्यप्रदेश में है। जनजातीय समुदाय के विद्यार्थियों को आज सम्मानित किया गया है, उन्हें देखकर उम्मीद करती हूं कि आने वाला समय और अधिक उज्ज्वल होगा।

कई लोग लालच में छल-कपट से आदिवासी बिटिया से शादी कर लेते हैं, उसके नाम से जमीन खरीद लेते हैं, लेकिन अब ये नही होगा। मध्यप्रदेश की धरती पर धर्मांतरण का कुचक्र अब नही होने देंगे। छल-कपट कर बेटी से शादी कर जमीन हड़पने का काम मध्यप्रदेश की धरती पर हम नहीं होंगे देंगे। यदि यह पता चलता है कि किसी ने छल से जमीन नाम करवा ली है, तो ग्रामसभा उस जमीन को वापस करवाएगी।
- शिवराज सिंह चौहान,मुख्यमंत्री. मध्यप्रदेश

क्या है पेसा एक्ट है

भारतीय संविधान के 73 वें संशोधन में देश में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था लागू की गई थी। लेकिन यह महसूस किया गया कि इसके प्रावधानों में अनुसूचित क्षेत्रों विशेषकर आदिवासी क्षेत्रों की आवश्यकताओं का ध्यान नही रखा गया।

इसलिए इस कमी को पूरा करने के लिए संविधान के भाग 9 के अन्तर्गत अनुसूचित क्षेत्रों में विशिष्ट पंचायत व्यवस्था लागू करने के लिए पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम 1996 बनाया गया। इस अधिनियम को 24 दिसम्बर 1996 को राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित किया गया था।

पेसा एक्ट का उद्देश्य

इस एक्ट का उद्देश्य सहयोगी लोकतंत्र के तहत ग्राम प्रशासन स्थापित करना और ग्राम सभा को सभी गठिविधियों का केंद्र बनाना है। इसमें जनजातीय समुदाय की परम्पराओं और रिवाजों की सुरक्षा और संरक्षण का भी प्रावधान किया गया है।

यह जनजातीय लोगों की आवश्यकताओं के अनुरूप उपर्युक्त स्तरों पर पंचायतों को विशिष्ट शक्तियों से युक्त बनाता है। यह संविधान के भाग 9 के पंचायत से जुड़े प्रावधानों को संशोधनों के साथ अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तारित करता है। कुल मिलकर ये की यह अधिनियम जनजातीय समुदाय को भी स्वशासन का अधिकार प्रदान करता है।

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