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Punjab News: पंजाब में खालिस्तानी मुखर, सरकार मौन तो समर्थक कौन? जानें पूरा सच

Punjab News: पंजाब में खालिस्तानी मूवमेंट फिर जोर पकड़ रहा है। अमृतपाल समर्थकों का हंगामा बड़ी साजिश की ओर इशारा है। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें Since Independence की यह स्टोरी।

Om Prakash Napit

Punjab News: 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के अपने हजारों समर्थकों के साथ 23 फरवरी को अमृतसर के अजनाला पुलिस थाने के बाहर खूब हंगामा काटा। हाथों में लाठी, तलवारें लेकर हजारों की भीड़ थाने पहुंच गई और पुलिस वालों को दौड़ा-दौड़ाकर मारा-पीटा। अमृतपाल सिंह खुद को खालिस्तानी आतंकी जनरैल सिंह भिंडरावाले का अनुयायी होने का दावा करता है।

बड़ी बात तो यह है कि अमृतपाल सिंह के समर्थकों द्वारा हंगामा करने के एक दिन बाद 24 फरवरी को ही उसके सहयोगी लवप्रीत सिंह, जिस पर अपहरण समेत अन्य आरोप है, को अदालत ने पुलिस के आवेदन के आधार पर रिहा कर दिया और कुछ घंटों बाद ही लवप्रीत सिंह जेल से बाहर आ गया।

अब बात करते हैं इसके पीछे के कनेक्शन की। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है और मुख्यंत्री भगवंत मान हैं। चुनाव पूर्व केजरीवाल का खालिस्तानी नेता गुरविंदर सिंह के घर रुकना, सरकार बनने के बाद बीएसएफ के अधिकार बढ़ाने के केंद्र के निर्णय का विरोध करना, पाकिस्तान से बातचीत की वकालत करना, अब अमृतपाल समर्थकों पर कार्रवाई न कर उसके गुर्गे लवप्रीत की तुरंत रिहाई, ये सब किसी गुप्त करनेक्शन की ओर ही इशारा करते हैं।

यूं समझें पाक-खालिस्तान कनेक्शन!

(1) गुरविंदर से केजरीवाल की मुलाकात

यह भी सर्व विदित है कि पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब दौरे के दौरान आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगा था कि वे रात को पंजाब के मोगा में गुरविंदर सिंह नाम के एक व्यक्ति के घर रुके थे। गुरविंदर सिंह एक वक्त में खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट का चीफ रहा है। उस पर पंजाब में आतंकवाद के दौर में उस पर हिंदू-सिख दंगे भड़काने के आरोप लगे और एक की हत्या और अन्य कई मामलों में वह जेल में भी रहा, लेकिन बाद में इन मामलों से बरी होकर वो इंग्लैंड चला गया और अब इंग्लैंड में बैठकर वो कथित तौर पर खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के लिए काम कर रहा है।

(2) बीएसएफ के अधिकार बढ़ाने का विरोध

केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल अधिनियम में संशोधन किया था। जिससे बीएसएफ को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किमी से 50 किमी के दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी के लिए अधिकृत किया जा सके। पंजाब विधानसभा ने केंद्र की इस अधिसूचना के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित कर इसे राज्य पुलिस का अपमान बताते हुए वापस लेने की मांग की।

(3) सुप्रीम कोर्ट पहुंची पंजाब सरकार

पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें पंजाब समेत सीमावर्ती राज्यों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने का आदेश दिया गया था। पंजाब सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।

(4) पाकिस्तान के साथ व्यापार की बात

पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने जुलाई, 2022 में राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान पंजाब के साथ व्यापार फिर से शुरू करने की मांग उठाई। इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक कुलदीप सिंह धालीवाल ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय व्यापार को फिर से शुरू करने की मांग उठाई। पंजाब के अलावा किसी और राज्य ने यह मांग नहीं उठाई। भारत और पाकिस्तान के बीच सामान्य द्विपक्षीय व्यापार अब तीन साल से अधिक समय से ठप है।

(5) पाकिस्तानी हीरो दिखाने वाले पोस्टर

गुजरात में विधानसभा चुनाव के दौरान 16 अक्तूबर की रैली से पहले सूरत शहर में ऐसे पोस्टर लगाये गए हैं जिनमें आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की तस्वीर बुरहान वानी, हाफिज सईद और ओसामा बिन लादेन के साथ लगाई गई और उन्हें ‘‘पाकिस्तान का हीरो’’ बताया गया है। इस पर भाजपा ने दावा किया कि इन्हें आम जनता ने लगाया है क्योंकि वे तब ‘‘काफी आहत’’ हुए थे जब केजरीवाल ने नियंत्रण रेखा के पार सेना के लक्षित हमले का सबूत मांगा था।

(6) पाकिस्तान से सोशल मीडिया पर पोस्ट

खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक अमेरिका और पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानियों की मदद से पंजाब को अशांत करने का साजिश रची गई थी। सोशल मीडिया टूलकिट का इस्तेमाल कर अमृतपाल के स्पीच और उसके समर्थन के वीडियो शेयर किए गए। खालिस्तानी साज़िश और पंजाब रिफ्रेन्ड्रम को लेकर पाकिस्तान से बड़ी संख्या में फेक हैंडल से सोशल मीडिया में भारत के खिलाफ आर्टिकल पोस्ट कराए जाने के जानकारी हाथ लगी है। सोशल मीडिया में खालिस्तान के नाम पर 29 दिसंबर को 8,332 पोस्ट किए गए जिनमें से ज्यादातर पोस्ट के लोकेशन पाकिस्तान में पाए गए। ठीक इसी तरह 15 दिसंबर को खालिस्तान के नाम पर कुल 8707 पोस्ट हुए जिनमें से ज़्यादातर पोस्ट की लोकेशन पाकिस्तान और अमेरिका रही।

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