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Rahul Gandhi: राहुल मामले में भारत में रार, विदेश से वार... इसे कौन दे रहा धार?

Om Prakash Napit

Rahul Gandhi: राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य ठहराए जाने के बाद से संसद से लेकर सड़क तक हर मोर्चे पर कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ हल्ला बोल रखा है। इस बीच अमेरिका के बाद अब जर्मनी भी इस केस पर प्रतिक्रिया सामने आई है। जर्मनी का बयान आने के बाद इसे लेकर भाजपा, कांग्रेस में जुबानी जंग छिड़ गई है।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने खुशी जाहिर की है और जर्मनी के विदेश मंत्रालय को धन्यवाद कहा है। इसके बाद केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिग्विजय सिंह पर पलटवार किया है। किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर जर्मनी को भी जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि भारत किसी भी आंतरिक मामले पर विदेशी दखल को बर्दाश्त नहीं करेगा।

Since Independence की इस रिपोर्ट में जानें राहुल मामले में विदेशी दखल और इस पर हो रही राजनीति।

क्या कहा जर्मन विदेश मंत्रालय ने?

जर्मन विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि हमारी जानकारी के अनुसार राहुल गांधी फैसले के खिलाफ अपील करने की स्थिति में हैं। इसके बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि क्या यह फैसला कायम रहेगा और क्या उनके शासनादेश के निलंबन का कोई आधार है। गांधी के मामले में जर्मनी या किसी अन्य यूरोपीय देश की यह पहली प्रतिक्रिया है।

दिग्विजय सिंह ने कहा धन्यवाद

दिग्विजय सिंह ट्वीट करते हुए लिखा कि 'धन्यवाद, जर्मनी विदेश मंत्रालय और रिचर्ड वॉकर, जिन्होंने इस पर ध्यान दिया कि किस तरह से राहुल गांधी को निशाना बनाने के लिए लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है।' दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने तुरंत पलटवार किया है।

किरेन रिजिजू ने यूं कसा तंज

किरेन रिजिजू ने दिग्विजय सिंह के ट्वीट के जवाब में लिखा कि 'विदेशी ताकतों को भारत के अंदरूनी मामलों में दखल देने के लिए आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद राहुल गांधी। याद रखें, भारतीय न्यायपालिका विदेशी दखल से प्रभावित नहीं हो सकती। भारत अब विदेशी ताकतों के दखल को बर्दाश्त नहीं करेगा क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।'

वित्त मंत्री ने भी दिया दिग्विजय को जवाब

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी दिग्विजय सिंह के ट्वीट का जवाब देते हुए ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने चीन का मामला उठा दिया। निर्मला सीतारमण ने लिखा कि 'साफ है कि कांग्रेस हमारे आंतरिक मामलों में विदेशी दखल चाहती है।

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ अपारदर्शी एमओयू पर हस्ताक्षर करना हो या फिर विदेश में चर्चा के दौरान सरकार बदलने के लिए विदेशी मदद की मांग। अब कोई और सबूत भी चाहिए? जब मदद आ जाए तब धन्यवाद कहिएगा।'

राहुल मामले में यह था अमेरिकी बयान

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा था कि संयुक्त राज्य भारतीय अदालतों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मामले की निगरानी कर रहा है। उन्होंने कहा, अमेरिका अपने भारतीय भागीदारों के साथ हमारे संबंधों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति साझा प्रतिबद्धता पर भारत सरकार के साथ है।

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