राष्ट्रीय

Rahul on Adani-Modi: अब नया शगूफा 'एलारा'; क्या लंदन में पकी है कोई खिचड़ी?

Om Prakash Napit

Rahul on Adani-Modi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ब्रिटेन जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस और केंद्र सरकार पर जमकर प्रहार किए। अपने भाषणों में उन्होंने भारत की छवि धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अब ब्रिटेन से लौटकर राहुल गांधी ने विदेशी इकाई एलारा नाम लेकर अडानी और केंद्र सरकार पर हमला बोला है।

आपको बता दें कि ब्रिटेन, अमेरिका ऐसे देश हैं जिन्हें विश्व पटल पर उभरते भारत की ताकत, पीएम मोदी की वैश्विक छवि और हर क्षेत्र में हो रही प्रगति बर्दाश्त नहीं है। मित्रता का दिखावा करने वाले इन देशों से भारत विरोधी कुटिल चालें चलीं जाती हैं। वहां भारत विरोधी तत्वों को संरक्षण मिलता है और वे नित नई साजिशों में सक्रीय रहते हैं।

देश में भारत जोड़ो यात्रा के तुरंत बाद राहुल गांधी का ब्रिटेन दौरा कोई संयोग नहीं हो सकता। हो सकता है वहां भारत और पीएम मोदी की छवि धूमिल करने और आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने को लेकर कोई साजिश रची गई हो? हो सकता है राहुल लंदन से कोई ट्रेनिंग लेकर लौटे हों? किस-किस मुद्दे पर कब और कैसे बोलना है, इसका पूरा खाका तैयार किया गया हो?

'द संडे गार्जियन' का दावा इसी ओर तो नहीं?

विदेशी अखबार 'द संडे गार्जियन' ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक ऐसी साजिश चल रही है जिसमें विदेशी भी शामिल हैं। ये साजिश है 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी को रोकने के लिए की जा रही है। अखबार ने दावा किया कि पिछले 3 महीनों में लंदन से लेकर राजधानी दिल्ली तक अलग-अलग बैठकें की जा चुकी हैं।

पिछले तीन महीनों में 3 बैठकें सिर्फ दिल्ली में हुई हैं। इन बैठकों में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई उनमें मोदी सरकार की कमजोरियों को हाइलाइट करना, सरकार के खिलाफ नेगेटिव परसेप्शन बनाना, 2024 चुनाव से छह महीने पहले सरकार के खिलाफ बड़ा कैंपेन चलाना शामिल हैं।

यह है राहुल का नया ट्वीट

राहुल गांधी ने बुधवार को विदेशी इकाई एलारा नाम लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला। राहुल ने आरोप लगाया कि अडाणी ग्रुप और एलारा को मिसाइल और रडार अपग्रेड का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा, भारत का मिसाइल और रडार अपग्रेड कॉन्ट्रैक्ट अदानी के स्वामित्व वाली एक कंपनी और एलारा नामक एक संदिग्ध विदेशी संस्था को दिया गया है। ट्वीट में कहा, एलारा को कौन नियंत्रित कर रहा है? अज्ञात विदेशी संस्थाओं को रणनीतिक रक्षा उपकरणों का नियंत्रण देकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता क्यों किया जा रहा है?

विदेशी दुष्प्रचार के कुछ उदाहरण

BBC की डॉक्यूमेंटी

विदेशी मीडिया बीबीसी ने गुजरात दंगों पर डॉक्यूमेंटी बनाकर पीएम मोदी की बढ़ती लोकप्रियता को धूमिल करने का कृत्य किया। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को विश्व लीडर के तौर पर देखना विदेशी मीडिया को रास नहीं आ रहा है। कहा जा रहा है कि विदेशी मीडिया (BBC) की इस डॉक्यूमेंटी के जरिये देश में सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश है, जिससे कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी वापस देश के प्रधानमंत्री नहीं बने।

खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह

ब्रिटेन में सक्रिय पृथकतावादियों ने खालिस्तान के समर्थन में ब्रिटेन के कई नगरों में तथाकथित जनमत संग्रह का आयोजन किया था। खालिस्तानी तत्वों ने पृथकतावादी कश्मीरी संगठनों के साथ मिलकर भारतीय उच्चायोग के समक्ष विरोध प्रदर्शन भी आयोजित किए थे। इस संबंध में ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने भारत को आश्वस्त किया था कि वह अपनी भूमि पर खालिस्तानी ताकतों की भारत विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट

अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट ने भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी को विश्व में नंबर 2 की हैसियत से 20वें पायदान से भी नीचे धकेल दिया। हिंडनबर्ग रिसर्च की इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर अकाउंटिंग फ्रॉड तक बड़े आरोप लगे। रिपोर्ट जारी होने के बाद अडानी ग्रुप के शेयर औंधे मुंह नीचे गिरे।

जॉर्ज सोरोस का बयान

अमेरिका के अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस ने भारत, पीएम मोदी और हालिया गौतम अडानी मुद्दे पर टिप्पणी की। बकौल सोरोस, भारतीय व्यवसायी गौतम अडानी के हालिया संकट से 'भारत में लोकतांत्रिक पुनरुत्थान' और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'सवालों का जवाब देना' होगा। सोरोस ने दावा किया है पीएम मोदी के भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी से मधुर संबंध हैं। उसने कहा, मोदी और अडानी करीबी सहयोगी हैं। उनका भाग्य आपस में जुड़ा हुआ है।

न्यूयार्क टाइम्स का लेख

अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स ने 'India Is Arming Villagers in One of Earth’s Most Militarized Places' से एक ओपिनियन लेख छापा । लेख में आरोप लगाया है कि दुनिया के सबसे अधिक सैन्यीकृत स्थानों में से एक जम्मू कश्मीर में भारत सरकार ने हजारों नागरिकों को हथियार उठाने के लिए मजबूर कर दिया है। ओपिनियन में लिखा गया है कि जम्मू कश्मीर में हिंदू परिवारों पर किए गए लक्षित आतंकवादी हमलों के जवाब में स्थानीय लोग हथियार उठा चुके हैं।

Diabetes से हो सकता है अंधापन, इस बात का रखें ख्याल

बीफ या एनिमल फैट का करते है सेवन, तो सकती है यह गंभीर बीमारियां

Jammu & Kashmir Assembly Elections 2024: कश्मीर में संपन्न हुआ मतदान, 59 प्रतिशत पड़े वोट

Vastu के अनुसार लगाएं शीशा, चमक जाएगी किस्मत

Tiger Parks: भारत के 8 फेमस पार्क,जहां आप कर सकते है टाइगर का दीदार