'Corona Medication Kit' : प्रदेश में कोरोना के कोहराम की रोकथाम के लिए गहलोत सरकार ने मरीजों के लिए एडवांस कैटेगिरी की दवाओं पर फोकस शुरू कर दिया है। फिर चाहे वो पोस्ट कोविड के रूप में सामने आ रहे ब्लैक फंगस के इलाज में उपयोगी इंजेक्शन हो या फिर डिफेंस रिसर्च एण्ड डवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन की 2-डीजी दवा। इस तरह की कई दवाओं की खरीद-फरोख्त के लिए राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने एक्शन प्लान बनाकर काम शुरू कर दिया है।
कोरोना की पहली वेव में बीमारी की रोकथाम के लिए गहलोत सरकार ने शुरूआती फेज में ही एग्रेसिव काम किया।सीएम गहलोत की संवेदनशीलता का ही परिणाम है कि मरीजों को महंगे मोल के रेमडेसिविर, टोसिलीजुमैब जैसे इंजेक्शन फ्री में उपलब्ध कराए गए। जिसके चलते हजारों मरीजों की न सिर्फ जान बच पाई, बल्कि कोरोना की जंग भी वे काफी कम समय में जीत गए। लेकिन अब हालात पहली वेव से काफी भयावह हो चले है।
सीएम गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे जीवन बचाने में उपयोगी कोई भी दवा हो, उसकी खरीद की जाए। ताकि लोगों को इलाज के अभाव में जान नहीं गंवानी पड़े। ऐसे में चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा की मॉनिटरिंग में एडवांस कैटेगिरी की दवाओं की खरीद का एक्शन प्लान बनाया गया है।
उधर, ग्रामीण इलाकों में संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए सरकार हर घर तक कोरोना ट्रीटमेंट कीट पहुंचाने की दिशा में भी काम कर रही है।
किट में एजिथ्रोमाइसिन, जिंक समेत अन्य सभी जरूरी दवाएं उपलब्ध होगी। इन दवाओं की खरीद के लिए RMSCL ने रेट कांट्रेक्ट कर लिया है।
इतना ही नहीं तीसरी लहर का बच्चों पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ने की आशंका के चलते अभी से ही दवाओं की उपलब्धता पर काम शुरू कर दिया गया है।
छोटे बच्चों के संक्रमण की संभावना को देखते हुए उनके उपचार में काम आने वाली दवाओं की आपूर्ति के लिए क्रयादेश जारी कर दिए गए हैं।
राज्य सरकार एक तरफ जहां एडवांस दवाओं के प्रोक्योमेंट पर फोकस कर रही है, वहीं दूसरी ओर केन्द्र की तरफ से आंवटित दवाओं की आपूर्ति को लेकर भी एक्शन मोड में है। केंद्र सरकार द्वारा 11 मई को जारी आवंटन अनुसार राजस्थान को टोसिलीजूमेब इंजेक्शन 80 एम.जी.की 2,185 मात्रा आवंटित की गई है। ऐसे में RMSCL ने जल्द आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आदेश जारी किए है।