राष्ट्रीय

नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग: सुप्रीम कोर्ट याचिका की अस्वीकार

सुप्रीम कोर्ट ने नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग वाली याचिका को अस्वीकार कर दिया है। चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा- ऐसी याचिका बनाना बहुत आसान लगता है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम होते हैं। हमारा सुझाव है कि इसे वापस ले लिया जाए।

Kunal Bhatnagar

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग वाली याचिका को वापस लेने का सुझाव दिया। चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा- ऐसी याचिका बनाना बहुत आसान लगता है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम होते हैं। हमारा सुझाव है कि इसे वापस ले लिया जाए।

नुपुर शर्मा के एक बयान पर देश में हो गया था हंगामा

26 मई को नुपुर शर्मा ने एक टीवी चैनल पर पैगंबर मोहम्मद के बारे में कमेंट किया था। इसके बाद देश में बड़ा विवाद और हिंसा शुरू हो गई थी।

कई मुस्लिम देशों ने भी अपना विरोध दर्ज कराया था, जिसके बाद भाजपा ने शर्मा की टिप्पणी से दूरी बना ली और उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया।

19 जुलाई को गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी गई थी।

इससे पहले 19 जुलाई को हुई सुनवाई में कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर 10 अगस्त तक रोक लगा दी थी। कोर्ट ने 8 राज्यों और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया था कि नूपुर शर्मा के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए।

नूपुर शर्मा की हत्या करने की साजिश

एक बयान के बाद लगातार नूपुर शर्मा मुस्लिम समाज के निशाने पर आ गई, और देशभर से उन्हें जान से मारने की धमकी मिलने लगी। नूपुर शर्मा का सर कलम करने के लिए फतवे जारी किए गए थे।

हाल ही में राजस्थान में एक पाक से अवैध रुप से भारत में दाखिल हुए आंतकी ने चौकाने वाला खुलासा किया था। वह आंतकी पाकिस्तान से भारत नूपुर शर्मा की हत्या करने के इरादे से आया था। उसके पास से दो चाकू भी बरामद हुए थे।

किया नूपुर का समर्थन तो उतार दिया मौत के घाट

देशभर मे नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले लोगों पर हमले की खबर भी सामने आई थी। राजस्थान के उदयपुर में नूपुर का समर्थन करने पर कन्हैयालाल की हत्या के बाद कई ऐसी घटनाओं को खुलासा हुआ।

नूपुर शर्मा का समर्थन करने पर अमरावती में एक दर्जी को मौत के घाट उतारने की खबर भी सामने आई थी। इस हत्या का खुलासा तब हुआ, जब कन्हैयालाल की हत्याकांड के बाद देशभर में लोगों में गुस्सा देखने को मिला, जब गृह मंत्रालय ने अमरावती हत्याकांड की जांच एएनआई को दी थी।

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