राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) हाल ही में भारतीय क्षेत्र में ड्रोन घुसपैठ के प्रयासों की जांच कर रही है। पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। इसके साथ ही पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) से मिल रही गाइडलाइंस का भी पता लगाया जा रहा है। दरअसल, हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में कई पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए हैं, जिन्हें हथियार और गोला-बारूद गिराने के मकसद से भेजा गया था। जांचकर्ताओं ने कहा कि इस साल कश्मीर घाटी में दो दर्जन से अधिक ऐसे ड्रोन देखे गए।
भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने पिछले हफ्ते श्रीनगर, जम्मू, कठुआ, सांबा और डोडा समेत आठ जगहों पर छापेमारी की थी। छापेमारी टीआरएफ मॉड्यूल द्वारा हथियारों और गोला-बारूद की डिलीवरी से संबंधित एक मामले में की गई थी। मालूम हो कि टीआरएफ आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। एक अधिकारी ने बताया कि टीआरएफ के गुर्गे लगातार लश्कर के पाकिस्तानी आकाओं के संपर्क में थे। वे सांबा सेक्टर में आईबी के पास भारतीय क्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से हथियारों, विस्फोटकों और अन्य आतंकवादी हार्डवेयर की खेप प्राप्त कर रहे थे। इन हथियारों की खेप कश्मीर में टीआरएफ आतंकियों तक पहुंचाई गई, ताकि वे अल्पसंख्यकों, प्रवासियों और सुरक्षा बलों पर हमले कर सकें।
जम्मू के फैसल मुनीर ने ड्रोन के जरिए गिराई गई खेप को घाटी में आतंकियों तक पहुंचाया था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसे पिछले महीने ही गिरफ्तार किया था। एक अन्य घटना में, 22 जुलाई को जम्मू में सीमा सुरक्षा बल द्वारा एक ड्रोन को मार गिराया गया था। जम्मू-कश्मीर के अलावा पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी लगातार पंजाब सीमा पर भी हथियार, विस्फोटक और ड्रग्स भेजती रही है।
पिछले साल अक्टूबर से 15 जुलाई के बीच सुरक्षाबलों ने पंजाब में 300 किलो हेरोइन, 1.58 किलो अफीम, 48 हथियार, 553 गोलियां, 4.750 केजी आरडीएक्स विस्फोटक और 6 पाकिस्तानी ड्रोन को भारतीय नोटों के साथ पंजाब में जब्त किया है। अधिकारियों ने कहा कि टीआरएफ को जम्मू-कश्मीर में ड्रोन के जरिए हथियारों और विस्फोटकों की आपूर्ति में शामिल पाया गया है, जबकि पाकिस्तान से सक्रिय खालिस्तानी आतंकी संगठन पंजाब की सीमा का इस्तेमाल हथियार और ड्रग्स भेजने के लिए कर रहे हैं।