ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन (UK PM BORIS JOHNSON) अपनी दो दिन की यात्रा पर भारत पहुंच गए हैं। ब्रिटिश पीएम का गुरुवार को पहली गुजरात यात्रा पर गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने अहमदाबाद हवाई अड्डे पर स्वागत किया। बता दें कि यूक्रेन रशिया युद्ध के बीच मुक्त व्यापार, ऊर्जा क्षेत्र और रक्षा की दृष्टि से यूके के पीमए बोरिस जॉनसन का ये भारत दौरा काफी अहम माना जा रहा है।
एयरपोर्ट पर गुजरातियों ने हाथ में इंडियन फ्लैग व वेलकम टू इंडिया के प्लककार्ड लेकर जॉनसन वेलकम किया। ब्रिटिश पीएम जॉइंट ट्रेड के कई अहम इन्वेस्टमेंट के प्रपोजल की घोषणा करेंगे। गौरतलब है कि ब्रिटेन, भारत के साथ सालाना कारोबार को 2.89 लाख करोड़ तक ले जाने की योजना बना रहा है।
उन्होंने साबरमती आश्रम पहुंचकर बापू के चित्र पर फूल अर्पित किए। इसके बाद चरखा चलाकर सूत तैयार किया। उन्होंने आश्रम की विजिटर बुक में लिखा- "इस असाधारण व्यक्ति (महात्मा गांधी) के आश्रम में आना मेरे लिए बड़ा सौभाग्य है। यह समझने के लिए कि कैसे उन्होंने सच्चाई और अहिंसा के ऐसे सरल सिद्धांतों के जरिए खुद में अमल में लाकर दुनिया को बदलने के लिए प्रेरित किया।"
बोरिस जॉनसन गुरुवार को गुजरात में रहेंगे। वहीं लंच के बाद वे दिल्ली के लिए रवाना होंगे। बता दें कि इससे पहले भी पीएम जॉनसन का भारत दौरा तय था, लेकिन कोविड के चलते उन्हें कैंसिल करना पड़ा। चूंकि जॉनसन का दौरा रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच हो रहा है, ऐसे में संभावना है कि वह इस संबंध में मोदी से बातचीत कर सकते हैं। ब्रिटेन रूस की आलोचना करता रहा है। उसने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। साथ ही वह यूक्रेन को सैन्य सहयोग भी भेज रहा है। हाल ही में जॉनसन ने युद्धग्रस्त यूक्रेन का दौरा किया था। हालांकि भारत अपने हित देखते हुए अभी भी इस मामले में तटस्थ बना हुआ है।
दरअसल मोदी और जॉनसन के बीच यूक्रेन युद्ध पर भी बातचीत होगी। भारत अपना पक्ष रखेगा। पश्चिमी देश भारत को इस युद्ध में अपने साथ खड़ा देखना चाहते हैं। जबकि भारत एक तटस्थ रुख रखता है, भारत ने कई पश्चिमी देशों के नेताओं के साथ बैठकों के माध्यम से शांति के पक्ष में अपनी आवाज उठाई है।
जॉनसन की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच साइबर सिक्योरिटी का एक बड़ा नेटवर्क विकसित किया जाएगा। दोनों देश एक संयुक्त साइबर सुरक्षा कार्यक्रम शुरू करेंगे। इसके तहत भारत और ब्रिटेन संयुक्त रूप से साइबर अपराधियों और रैंसमवेयर हमलों से निपटेंगे। इसके अलावा पहला स्ट्रैटेजिक टेक डायलॉग भी शुरू होगा। जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के बाद भारत पांचवां देश है, जिसके साथ ब्रिटेन एक व्यापक रणनीतिक समझौता करने जा रहा है।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि मोदी-जॉनसन बैठक में हिंद-प्रशांत भी मुख्य मुद्दा होगा। ब्रिटेन इस क्षेत्र में किसी भी तरह की जबरदस्ती का कड़ा विरोध करता है। दूसरी ओर, भारत इस क्षेत्र को सभी के लिए खुला रखने की वकालत करता है।
ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ (ईयू) से नाता तोड़ लिया है। अब भारत के साथ व्यापार से जॉनसन अपने देश में महंगाई कम करने के लिए कंज्युमर प्रोडक्ट के क्षेत्र में सहयोग की संभावना तलाश रहे हैं। दोनों देश एन्वायरमेंटल टेक्नोलॉजी और हाई स्किल्ड जॉब्स के अवसर पैदा करने पर भी विचार कर रहे हैं। साथ ही यूके में 53 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र हैं। यूके के साथ नॉलेज शेयर करने की साझेदारी जॉनसन की यात्रा का एक महत्वपूर्ण एजेंडा है।
गुजरात ने कई देशों के नेताओं का स्वागत किया है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 17 सितंबर 2014 को अहमदाबाद पहुंचे थे। उनके स्वागत के लिए खुद पीएम नरेंद्र मोदी अहमदाबाद पहुंचे थे। जिनपिंग पहले विदेशी नेता थे जिनके स्वागत के लिए भारत का कोई पीएम दिल्ली से बाहर आया था। इस दौरान जिनपिंग और मोदी ने मिलकर साबरमती रिवरफ्रंट पर बने पारंपरिक झूले का लुत्फ उठाया था।
वहीं, फरवरी 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत का दौरा किया था। 24 और 25 फरवरी को अहमदाबाद में आयोजित नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम में उनका भव्य स्वागत किया गया था।
अपनी भारत यात्रा से पहले, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को ट्वीट किया कि भारत एक आर्थिक महाशक्ति और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। वर्तमान अस्थिर वैश्विक स्थिति में, भारत यूके का एक जरूरी स्ट्रेटेजिक पार्टनर है। उन्होंने कहा कि उनकी इस यात्रा से रोजगार के अवसर, सुरक्षा और आर्थिक विकास के संबंध दोनों देशों के लिए मजबूत होंगे।
भारत ब्रिटेन में 5,300 करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट को लेकर राजी हो गया है। वहीं, 2023 में जी-20 की बैठक की अध्यक्षता भारत करने वाला है और ब्रिटेन इस बैठक को अपने लिए महत्वपूर्ण मान रहा है। सूत्रों के अनुसार इस मुद्दे पर भी पीएम मोदी और पीएम बोरिस जॉनसन के बीच चर्चा होगी।