पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी RSS की तारीफ करने की वजह से इन दिनों चर्चा में बनी हुई हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ममता बनर्जी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि RSS इतनी बुरी है। संघ में अभी कुछ लोग हैं जो भाजपा की तरह नहीं सोचते। वहीं इसके अलावा उन्होंने भाजपा पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस परिवार की छवि को गंदा करने की कोशिश ना करें, वर्ना किसी को नहीं छोड़ा जाएगा।
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो बनर्जी ने कहा कि मैंने समाज की सेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया। लेकिन मुझे लगता है कि मैं बहुत पहले राजनीति छोड़ देती अगर मुझे पहले से पता होता कि आज की राजनीति इतनी गंदी हो जाएगी। जहां मुझे और मेरे परिवार के सदस्यों को इतनी झूठी बदनामी का सामना करना पड़ेगा।
ममता ने कहा कि एजेंसी के समन केवल प्रतिशोध की राजनीति नहीं है, यह खुली हिंसा है। ममता ने एक बार फिर से कहा कि पशु और कोयला तस्करी के मुद्दे केंद्रीय गृह मंत्रालय और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी हैं।
जिन नेताओं को आरएसएस फूटे आंख नहीं सुआती वहीं विपक्षी दल के नेता आजकल RSS की तारीफों के पूल गढ़ रहे है। कुछ समय पहले देश के पूर्व राष्ट्रपति व कांग्रेस के नेता प्रणब मुखर्जी ने भी आएसएस के कार्यक्रम में पहुंच कर मौजदूगी दर्ज की, हालांकि उसके लिए उनको अपनी ही पार्टी के नेताओं से बहुत कुछ सुनना पड़ा।
उन्होंने RSS के मंच से प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि, 'मैं यहां पर राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति समझाने आया हूं। भारत दुनिया का पहला राज्य है और इसके संविधान में ही असली देशभक्ति है। उन्होंने कहा कि विविधतता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। हम विविधता में एकता को देखते हैं। हमारी सबकी एक ही पहचान 'भारतीयता' है।'
अब टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने भी RSS की तारीफ की है। ममता बनर्जी की ओर से दिए इस बयान से साबित होता है कि विपक्षी दल के कई नेता कहीं न कहीं आरएसएस की कार्यशैली से प्रभावित है हालांकि विचारधारा से इत्तेफ़ाक नहीं रखते है।
कुछ ही दिन पहले एस एस राजामौली के पिता विजयेद्र प्रसाद ने भी RSS को लेकर कहा था कि "मैं आप सभी के सामने कुछ कबूल करना चाहता हूं। तीन-चार साल पहले तक मैं आरएसएस के बारे में ज्यादा नहीं जानता था। मुझे लगता था कि आरएसएस ने गांधी को मार डाला। लेकिन जब मुझ आरएसएस पर फिल्म लिखने को कहा गया तब मैं नागपुर गया और मोहन भागवत से मिला। मैं वहां एक दिन रुका और पहली बार समझा कि आरएसएस क्या है। मुझे बहुत पछतावा हुआ कि मैं इतने लंबे समय तक इतने बड़े संगठन के बारे में नहीं जानता था।"
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी और वरिष्ठ नेता दीपक बाबरिया ने भी संघ की तारीफों के पुल बांधे थे। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संघ से अनुशासन सीखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि आरएसएस के अच्छे पहलुओं की तारीफ करने में कोई बुराई नहीं है। अपने बयान की वजह से उन्हें कांग्रेसी नेताओं से काफी आलोचनाएं झेलनी पड़ी थी।
ममता ने भाजपा पर बोला हमला
ममता ने कहा कि भाजपा आरोप लगाती है कि कोयला, पशु तस्करी और शिक्षक भर्ती घोटालों की आय का अंतिम गंतव्य कालीघाट है। मैं पूछना चाहती हूं कि आप कालीघाट पर क्यों रुक रहे हैं? यदि आप में हिम्मत है, तो उस व्यक्ति का नाम लें जो उस पैसे का अंतिम प्राप्तकर्ता है। या क्या आपका मतलब है कि पैसा कालीघाट के प्रसिद्ध काली मंदिर में जा रहा है?