राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल एवं मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। इसमें गहलोत सरकार ने पुरानी पेंशन योजना के क्रियान्वयन के लिए नियमों में आवश्यक संशोधन, समान पात्रता परीक्षा के आयोजन, सीधी भर्तियों में साक्षात्कार का प्रावधान हटाने एवं कुछ पदों पर साक्षात्कार का भारांक अधिकतम 10 प्रतिशत निर्धारित करने, पैरालम्पिक खेलों में पदक विजेताओं को इंदिरा गांधी नहर परियोजना में निःशुल्क 25 बीघा भूमि आवंटन कराने, सोलर पार्क एवं पॉवर प्रोजेक्ट के लिए भूमि आवंटन, झालावाड़ अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज सोसायटी का राजमेस में आमेलन, 45 बॉर्डर रोड्स टास्क फोर्स को भूमि आवंटन सहित कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। गौरतलब है की आखरी बजट के समय गहलोत सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के निर्देश दिए थे।
वही बैठक में एक जनवरी, 2004 और इसके पश्चात नियुक्त हुए समस्त राजकीय कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने की बजट घोषणा के क्रियान्वयन हेतु नियमों में आवश्यक संशोधनों को मंजूरी मिली। इसकी क्रियान्विति के क्रम में राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996, राजस्थान सिविल सेवा (अंशदायी पेंशन) नियम, 2005, विभिन्न पुनरीक्षित वेतनमान नियमों एवं राजस्थान सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम, 2013 में विभिन्न संशोधनों के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है।
इस निर्णय से 1 जनवरी, 2004 एवं उसके पश्चात नियुक्त हुए राजकीय कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति पर पेंशन परिलाभों के पात्र होंगे। साथ ही राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (RGHS) के अंतर्गत कैशलेस चिकित्सा सुविधा भी प्राप्त कर सकेंगे। 31 मार्च, 2022 से पूर्व जो अपनी सेवा से एग्जिट हो गए हैं, उन्हें भी उक्त नियमानुसार पेंशनरी परिलाभ अप्रेल, 2022 से देय होंगे।
मंत्रिमंडल ने निर्णय किया कि प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया को सरल, समयबद्ध एवं एकीकृत किये जाने की दृष्टि से एक जैसी पात्रता वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं (जैसे ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, मंत्रालयिक कर्मचारी इत्यादि) के स्थान पर अब समान पात्रता परीक्षा (CTET) आयोजित होगी। इसके लिए राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा (समान पात्रता परीक्षा) नियम, 2022 बनाया जाना है। समान पात्रता परीक्षा से अब अभ्यार्थियों को विभिन्न पदों की भर्ती के लिए बार-बार आवेदन करने, परीक्षा में शामिल होने, आवेदन शुल्क एवं यात्रा में व्यय करने से निजात मिलेगी। वहीं, भर्ती एजेंसियों द्वारा कई बार परीक्षा लेने में लगने वाले समय, व्यय एवं श्रम से राहत मिलेगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा बजट वर्ष 2021-22 में इस संबंध में यह घोषणा की गई थी।