कांग्रेस ने मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दूसरी सूची जारी कर दी। इसमें 10 उम्मीदवीरों के नाम की घोषणा की गई है। मणिपुर में 27 फरवरी व 2 मार्च को वोंटिग होगी, यह चुनाव दो चरणों में होने वाला है जबकि परिणाम 10 मार्च सामने आयेगा। इससे पहले भी कांग्रेस ने 40 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी।
कांग्रेस ने इस बार मणिपुर चुनावी रण फतेह करने के लिए 5 स्थानीय दलों के साथ हाथ मिलाया है। मणिपुर कांग्रेस के अध्यक्ष ने बताया कि कांग्रेस भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, जनता दल (सेक्यूलर) से गठबंधन किया है और फॉरवर्ड ब्लॉक के साथ मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव के लिए काम करेगें।
मणिपुर विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने भी 60 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। बीजेपी सभी 60 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह हिंगांग विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।
मणिपुर विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी नेता संबित पात्रा ने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करते हुए कहा कि मणिपुर में हमारी पार्टी में कोई विवाद नहीं है। हम दो-तिहाई बहुमत के साथ हम सरकार बनाएंगे।
फरवरी 1974 में मणिपुर में हुए चुनाव में कांग्रेस ने ज्यादा वोट परसेंट हासिल किया था। लेकिन मणिपुर पीपुल्स पार्टी ने सबसे अधिक सीटें जीतीं और इसके नेता मोहम्मद अलीमुद्दीन को मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में फिर से नियुक्त किया गया था। वहीं 1980 में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा सीटों के साथ-साथ वोट प्रतिशत भी ज्यादा हासिल किया और राजकुमार दोरेंद्र सिंह को मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।
साल 2017 तक मणिपुर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का ही दबदबा रहा। 2012 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने मजबूत जीत हासिल करते हुए 42 सीटें जीती थी। इसके बाद 2014 में मणिपुर स्टेट कांग्रेस पार्टी के विलय के बाद कांग्रेस की सदन में 47 सीटें हो गई थी।
इस बार विधानसभा चुनावों में मणिपुर में कांग्रेस और बीजेपी के अलावा कई क्षेत्रीय दल मैदान में हैं गौर करने वाली बात यह है कि 2017 में यहां पर हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। 2017 में मणिपुर में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन बीजेपी ने सरकार बनाई थी।
Like Follow us on :- Twitter | Facebook | Instagram | YouTube