<div class="paragraphs"><p>विधान सभा चुनाव में मात्र एक साल बचा है लेकिन अभी तक घोसणा पत्र के वादे पूरे नहीं हुए है</p></div>

विधान सभा चुनाव में मात्र एक साल बचा है लेकिन अभी तक घोसणा पत्र के वादे पूरे नहीं हुए है

 
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Rajasthan: किसानों पर बैंकों का कुर्की का दबाव,9 हजार लोगों की जमीन नीलामी की कार्रवाई शुरू

Ranveer tanwar

राजस्थान विधानसभा चुनाव के समय राजस्थान की सरकार ने जनता से वादे किए थे की अगर उनकी सरकार बनेगी तो किसानो का क़र्ज़ माफ़ किया जाएगा। गौरतलब है की चुनावी घोसणा पत्र में भी यह वादा किया गया था।

हम बात करे बैंको द्वारा दिए गए किसानो की जमीन को कुर्क करने के आदेश की तो विधानसभा चुनाव कांग्रेस सरकार की किसान कर्जमाफी योजना के बावजूद 1 लाख 35 हजार 151 किसानों पर संपत्ति कुर्की होने का खतरा मंडरा रहा है। दरअसल, कमर्शियल बैंकाें ने इन किसानों के लाेन एनपीए खाताें में डाल दिए हैं। इन किसानों पर 2 हजार 928 कराेड़ रुपए बकाया है। बैंकों ने वसूली के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर राजस्थान एग्रीकल्चरल क्रेडिट ऑपरेशन (रिमूवल ऑफ डिफिक्ल्टीज) एक्ट (राेडा) में केस दर्ज कराए हैं। इनमें से 80 हजार 752 एनपीए खाते एक साल से अधिक पुराने हैं। बैंक इस फंसे ऋण की वसूली में राज्य सरकार से भी मदद मांग चुके हैं। लेकिंन किसी तरह का निस्तांरण नहीं हो पा रहा है। विधान सभा चुनाव में मात्र एक साल बचा है लेकिन अभी तक घोसणा पत्र के वादे पूरे नहीं हुए है।

विधान सभा चुनाव में मात्र एक साल बचा है लेकिन अभी तक घोसणा पत्र के वादे पूरे नहीं हुए है।

9 हजार 109 किसानों की कुर्की के आदेश जारी हो चुके हैं।

वही मुख्यमंत्री अशाेक गहलोत की मौजूदगी में हुई राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) की बैठक में भी वसूली का मुद्दा उठा था। बता दें, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने पिछले साल कृषि एनपीए के लिए एकमुश्त निपटान योजना (ओटीएस) के तहत 10% राशि लेकर खाते बंद किए थे। पर राज्य सरकार ने तब इस पर कोई पहल नहीं की। लेकिन अब हुई बैंकर्स कमेटी की बैठक में सीएम ने एनपीए लाेन का 10% लेकर खाताें काे बंद करने के लिए फिर से ओटीएस योजना लाने काे कहा। दूसरी ओर, बैंकों ने 9 हजार किसानों की जमीन नीलामी की कार्रवाई शुरू कर दी है। यह जानकारी उस रिपोर्ट में है जो राजस्व विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपी है। यह रिपोर्ट प्रदेश के सभी एसडीएम कोर्ट में दर्ज केसों के आधार पर तैयार हुई है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद सभी जगह नीलामी की कार्रवाई स्थगित कर दी गई है।

प्रदेश के सभी 33 जिलों में किसान और बैंकों के बीच विवाद के 1 लाख 11 हजार 727 केस दर्ज हैं। इनमें से 9 हजार 109 किसानों की कुर्की के आदेश जारी हो चुके हैं। यानी इतने किसानों की जमीन नीलाम करने की कार्रवाई सरकार के स्तर पर शुरू की जा चुकी है। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद सभी जगह नीलामी की कार्रवाई स्थगित कर दी गई है। साथ ही कलेक्टरों से उनके ओवरड्यू ऋणों की जानकारी ली गई है। प्रदेश में कृषि बजट आने वाला है। गहलोत सरकार इसमें कोई मास्टर स्ट्रोक खेल सकती है और किसानो का क़र्ज़ माफ़ किया जा सकता है।

अगर केंद्र सरकार वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लागू नहीं करता तो गहलोत सरकार खुद ही इस कर्ज को अपने उपर लेले। इसके अलावा सरकार कोऑपरेटिव सेक्टर के किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण फैसले करने जा रही है। इसमें भूमि विकास बैंकों में 31 मार्च तक ओवरड्यू हो चुके ऋणों तथा ब्याज में मिलने वाली छूट की अवधि को 31 मार्च तक बढ़ा सकती है।

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