डेस्क न्यूज. जयपुर का शहीद स्मारक बीते 48 दिनों से छावनी में तब्दील है। प्रदेश के युवा अपने हक के लिए राज्य सरकार के समक्ष अपनी मांगों लेकर यहां जमे हैं। खास बात ये है कि इसमें प्रदेशभर से आए 18 से 35 साल के कई युवा शामिल हैं। युवाओं की सरकार से मांग है क्याॽॽ क्यों वे इतने समय से डटे हैं ॽॽ क्या सरकार उनकी सुन नहीं रहीॽ या ये युवा सरकार से नियम विरुद्ध दबाव बनवाकर अपनी मांगे मनवाना चाहते हैंॽॽॽ नहीं । जब सिंस इंडिपेंडेंस ने आंदोलन में पहुंचकर युवाओं से बात की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। युवाओं का कहना था कि हमारी मांगे वाजिब हैं और हम वही मांगें कर रहें हैं जो सरकार आसानी से कर सकती है।
बहरहाल सरकार मंत्रिमंडल विस्तार में व्यस्त है….. मामला कोर्ट में है… और बीएसटीसी के अभ्यर्थी सड़क पर…. यानि कि धरना लगातार जारी है। BSTC के छात्र अपनी मांगो को लेकर धरने पर बैठा हुआ हैं, दरअसल छात्रों की मांग हैं कि रीट लेवल-1 से बीएड धारीयों को बाहर किया जाए‚ क्योंकि अभ्यर्थियों का तर्क REET लेवल -1 के अभ्यर्थियों के पास कई अवसर‚ लेकिन BSTC छात्रों के पास अवसर सीमित हैं। आज जोधपुर हाई-कोर्ट में मामले के सुनवाई चल रही हैं. छात्रों को उम्मीद हैं कि आज शायद फैसला आ सकता है।
जयपुर के शहीद स्मारक पर बीएसटीसी के छात्र लगातार 48 दिनों से धरना दे रहें हैं, इस दौरान सत्ताधारी पार्टी के साथ ही विपक्ष के कई नेता भी छात्रों से मिलने पहुचे. लेकिन छात्रों को आश्वासन के अलावा और कुछ नही मिला.
सरकार से कई दौर की वार्ता भी हुई लेकिन उसे कोई समाधान निकलता नही दिखा, केवल और केवल आश्वासन के अलावा इन युवाओं को सरकार और कुछ ना दे सकी।
धरना स्थल पर कई पर ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई जिससे कि युवा अपना धरना समाप्त कर दे.
पुलिस प्रशासन के द्वारा युवाओं के खाने के टैंपो को रोका गया.
छात्रों के उपर एफआईआर करने की धनकी भी दी गई
लेकिन छात्रों ने सारी बातों को दरकिनार करते हुए अपना धरना जारी रखा.
बता दे कि बीएसटीसी धारीयों का मांग हैं कि रीट लेवल-1 से बीएड धारीयों को बाहर किया जाए. बीएसटीसी आंदोलन में सक्रिय भुमिका निभाने वाले छात्र महेंद्र का कहना हैं कि अगर सरकार बीएड धारीयों को रीट लेवल-1 में शामिल कर लेती हैं तो इससे प्राइमरी एजुकेशन खतरे में आ जाएगी.
आंदोलन कर रहे कई छात्रों के उपर प्रशासन ने मुकदमे भी दर्ज कर लिए हैं, अब छात्रों की मांंग हैं कि जिन युवाओं पर मुकदमे दर्ज किए हैं उन को जल्द से जल्द वापस लिया जाए. इसी के साथ ही सरकार बीएसटीसी के मुद्दे की मजबुती से पैरवी करवाए।