राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार ने बताया कि इस बारे में ज्ञापन देने आए प्रतिनिधि मंडल को भी बता दिया गया है

 
राजनीति

मुख़्यमंत्री और राज्यपाल आमने - सामने : राज्यपाल ने कहा सरकार की तरफ से किसानों की जमीन नीलामी रोकने का बिल आया ही नहीं

यह बहुत शर्म की बात है कि राज्यपाल किसानों से नहीं मिलना चाहते। राज्यपाल के सेक्रेट्री ने कहा राज्यपाल के पास रोडा एक्ट नाम से बिल नहीं आया है।

Ranveer tanwar

राजस्थान में किसानो के क़र्ज़ के मुद्दों पर राजनीती गर्माने लगी है। पहले विपक्ष की कड़ी प्रतिक्रिया के साथ बीजेपी के सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने किसानो की कुर्क हो रही जमीन को बचाया वही मुख़्यमंत्री अशोक गहलोत ने तुरंत आदेश को भी पारित किया था की किसानो की जमीन को कुर्क नहीं किया जाए। गौरतलब है की मुख़्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र किसानो के क़र्ज़ को लेकर आमने सामने हुए है।

किसान मोर्चा यूनियन के प्रतिनिधि जब राज्यपाल से मिलने पहुंचे तो उन्हें भी लगा झटका क्यों ?

संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन का प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा तो राज्यपाल ने कहा कि रोडा एक्ट में संशोधन के सम्बन्ध में कोई विधेयक राजभवन नहीं आया है। यह सुनकर किसान प्रतिनिधि भी चौंक गए। राज्यपाल सचिवालय ने स्पष्ट किया कि रोडा एक्ट के संशोधन से संबंधित कोई भी विधेयक राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र के लेवल पर अप्रूवल के लिए नहीं आया है। राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार ने बताया कि इस बारे में ज्ञापन देने आए प्रतिनिधि मंडल को भी बता दिया गया है।

राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार ने बताया कि इस बारे में ज्ञापन देने आए प्रतिनिधि मंडल को भी बता दिया गया है

पलटवार

मुख्यमंत्री कार्यालय ने पलटवार करते हुए कहा कि राजभवन ने पत्रकारों को सूचित किया है कि कृषि भूमि नीलामी के संबंध में रोडा एक्ट में संशोधन का कोई विधेयक राजभवन नहीं आया है। सच यह है कि राजस्थान सरकार ने 2 नवम्बर 2020 को सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) की धारा 60 (1)(b) में संशोधन किया था। जिससे 5 एकड़ जमीन पर किसान क्रेडिट कार्ड लोन लेने पर कुर्की और नीलामी पर रोक लग जाती, लेकिन यह बिल अभी तक राजभवन में विचाराधीन है।

फिर से राज्यपाल का पलटवार

किसानो का राज्यपाल से मिलकर क़र्ज़ को लेकर जब बात करनी चाही तो राज्यपाल किसानो से मिलने के लिए बचते रहे। किसान अध्यक्ष ने कहा सरकार ने किसानों की 5 एकड़ जमीन की नीलामी रोकने के लिए बिल एक साल पहले से राजभवन भेज रखा है। राज्यपाल उसे मंजूरी नहीं दे रहे। राज्यपाल किसानों के प्रतिनिधिमंडल से खुद नहीं मिले,बल्कि सेक्रेट्री से मिलवाया। यह बहुत शर्म की बात है कि राज्यपाल किसानों से नहीं मिलना चाहते। राज्यपाल के सेक्रेट्री ने कहा राज्यपाल के पास रोडा एक्ट नाम से बिल नहीं आया है। वो किसानों को शब्दों के जाल में फंसा रहे हैं। अगर एग्जेक्ट रोडा शब्द नहीं लिखा है तो क्या फर्क पड़ता है? राज्यपाल की जानकारी में है कि किसानों की जमीन नीलामी रोकने का बिल है। जो बिल राजस्थान सरकार ने विधानसभा में पास कर किसानों की 5 एकड़ से कम जमीन को नीलामी से रोकने का बिल भेजा।

Like Follow us on :- Twitter | Facebook | Instagram | YouTube


Diabetes से हो सकता है अंधापन, इस बात का रखें ख्याल

बीफ या एनिमल फैट का करते है सेवन, तो सकती है यह गंभीर बीमारियां

Jammu & Kashmir Assembly Elections 2024: कश्मीर में संपन्न हुआ मतदान, 59 प्रतिशत पड़े वोट

Vastu के अनुसार लगाएं शीशा, चमक जाएगी किस्मत

Tiger Parks: भारत के 8 फेमस पार्क,जहां आप कर सकते है टाइगर का दीदार