डेस्क न्यूज. सीमा पर जारी तनाव के बीच चीन के खिलाफ आर्थिक कार्रवाई की दिशा में भारत तेजी से बढ़ रहा है। पहले 59 चाइनीज ऐप्स बैन किए गए, अब देश के हाइवे प्रोजेक्ट्स में भी चीनी कंपनियों की एंट्री बंद की जाएगी। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि भारत हाइवे प्रॉजेक्ट्स में चीनी कंपनियों की एंट्री को बंद करेगा। नितिन गडकरी ने कहा कि अगर कोई चाइनीज कंपनी ज्वाइंट वेंचर के रास्ते भी हाइवे प्रोजेक्ट्स में एंट्री की कोशिश करेगी, तो उसे भी रोक दिया जाएगा। इसके अलावा नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि एमएसएमई सेक्टर में चाइनीज इन्वेस्टर्स को एंटरटेन नहीं किया जाए।
गलवान घाटी की घटना के बाद बायकॉट चाइना अभियान के तहत सबसे पहले इंडियन रेलवे ने बड़ा फैसला किया था। उसने चाइनीज कंपनी को मिले 471 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट कैंसल कर दिया था। रेलवे ने चीन की कंपनी बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजाइन इंस्टिच्यूट ऑफ सिग्नल एंड कम्युनिकेशन लिमिटेड को दिए गए एक कॉन्ट्रैक्ट को कैंसिल कर दिया था। यह घटना 18 जून की है। गलवान घाटी में 16 जून को हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
वही केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक मंत्री राम विलास पासवान ने चीनी उत्पादों के लिए अपने मंत्रालय का दरवाजा बंद कर दिया है। पासवान ने कहा कि उनके विभाग में अब कोई भी चीनी सामान नहीं आएगा और इस संबंध में सर्कुलर जारी कर दिया गया है। पासवान ने खास बातचीज में कहा इसके अलावा विदेशी वस्तुओं को भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा तय मानकों पर भी परखा जाएगा।
केंद्रीय खाद्य मंत्री के इस फैसले के बाद मंत्रालय और मंत्रालय के अधीन आने वाले विभागों व संगठनों में उपयोग की वस्तुओं की अब जो खरीद होगी, उनमें चीनी उत्पाद शामिल नहीं होंगे। बहरहाल नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर के विस्तार से संबंधित एक प्रॉजेक्ट में चाइनीज फर्म की निविदा को होल्ड पर डाल दिया है। सूत्रों का कहना है कि चाइनीज कंपनी को इन प्रॉजेक्ट से दूर रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। क्योंकि अभी यह काम किसी को भी सौंपा नहीं गया है, तो चीनी कंपनियों को इससे दूर रखने में कोई समस्या नहीं है।
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