राजनीति

बंगाल में विपक्ष को त्रणमूल की जीत का शूल: शत्रुघ्न सिन्हा और बाबुल सुप्रियो की बिग विक्ट्री, महाराष्ट्र-बिहार और छत्तीसगढ़ में भी BJP पिछड़ी

पश्चिम बंगाल के आसनसोल की लोकसभा सीट (West Bengal Asansol bypoll) के साथ महाराष्ट्र, बिहार और छत्तीसगढ़ विधानसभा की एक-एक सीटों पर उपचनाव शामिल है। इसमें सबसे अहम सीट आसनसोल को माना जा रहा है।

ChandraVeer Singh

देश की एक लोकसभा और चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं। बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से टीएमसी के शत्रुघ्न सिन्हा को बंपर जीत मिली है तो वहीं बालीगंज विधानसभा सीट पर टीएमसी के बाबुल सुप्रियो ने जीत का परचम लहरा दिया है। दूसरी ओर, बिहार की बोचाहन विधानसभा सीट पर राजद के अमर पासवान ने जीत का डंका बजा दिया है। इधर महाराष्ट्र की कोल्हापुर उत्तर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार जयश्री जाधव ने भाजपा के सत्यजीत कदम को 19000 मतों के अंतर से हरा दिया। छत्तीसगढ़ की खैरागढ़ विधानसभा सीट से भी कांग्रेस उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। यहां बीजेपी खाली हाथ रह गई।

बंगाल में त्रणमूल के पाले जीत

आसनसोल लोकसभा सीट से शत्रुघ्न सिन्हा ने जीत हासिल की है। उन्होंने भाजपा के अग्निमित्र पॉल को 2 लाख 64 हजार 913 मतों से हराया। पिछले साल बाबुल सुप्रियो के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई थी। सुप्रियो बीजेपी छोड़कर टीएमसी में शामिल हो गए। बालीगंज विधानसभा सीट से बाबुल सुप्रियो ने बीजेपी के केया घोष और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्स की सायरा शाह को हराया। पूर्व विधायक और राज्य मंत्री सुब्रत मुखर्जी के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी।

महाराष्ट्र में कांग्रेस को मिली जीत

महाराष्ट्र की कोल्हापुर उत्तर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की। कांग्रेस की जयश्री जाधव ने भाजपा के सत्यजीत कदम को करीब 19 हजार वोटों से हराया। यह सीट भी दिसंबर 2021 में कांग्रेस विधायक चंद्रकांत जाधव की कोविड-19 से मौत के बाद खाली हुई थी। इस वजह से यहां उपचुनाव हुए। इस सीट पर 15 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे थे।

बिहार में RJD की जीत का डंका

बिहार के बोचहां विधानसभा सीट पर राजद के अमर पासवान ने जीत का डंका बजाया है। पासवान ने भाजपा की बेबी कुमारी को 36,653 वोटों से हराया। यह सीट विधायक मुसाफिर पासवान के निधन के बाद खाली हो गई थी। इस सीट पर 13 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। इनमें तीन महिलाएं शामिल थीं।
बोचाहन में 17 साल बाद राजद ने जीत दर्ज की है। रमई राम ने आखिरी बार 2005 में लालटेन के निशान पर चुनाव जीता था। इसके बाद 2010 में रमई राम ने चुनाव जीता, लेकिन चुनाव चिन्ह जेडीयू का था। इसके बाद 2015 में बेबी कुमारी ने निर्दलीय चुनाव जीता। 2020 में मुसाफिर पासवान ने वीआईपी टिकट पर चुनाव जीता। उनके निधन के कारण उपचुनाव कराया गया था।

लोकसभा की एक सीट व 4 राज्यों की चार विधायकी सीटों के उपचुनाव (by-election) के आज परिणाम ही परिणाम आने वाले हैं। इन जगहों पर 12 अप्रैल को मतदान हुआ था। इनमें पश्चिम बंगाल के आसनसोल की लोकसभा सीट (West Bengal Asansol bypoll) के साथ महाराष्ट्र, बिहार और छत्तीसगढ़ विधानसभा की एक-एक सीटों पर उपचनाव शामिल है। इसमें सबसे अहम सीट आसनसोल को माना जा रहा है।

यहां से तृणमूल कांग्रेस(TMC) की ओर से बीजेपी और कांग्रेस पार्टी छोड़ हाल ही में टीएमसी में शामिल हुए अभिनेता से राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा(Shatrughan Sinha) मैदान में है तो वहीं अग्निमित्र पॉल(Agnimitra Paul) भाजपा से चुनाव में उतरी हैं।

बाबुल सुप्रियो के बीजेपी छोड़ने के बाद खाली हुई थी आसनसोल की सीट

भाजपा की सरकार में केंद्रीय मंत्री के पद पर रहे बाबुल सुप्रियो ने पार्टी छोड़ते ही TMC का दामन थाम लिया था। उन्हें टीएमसी से बालीगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव लड़ा। यहां से भाजपा ने केया घोष और मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी ने सायरा शाह हलीम को चुनाव में उतारा था। यह सीट TMC एमएलए और ममता सरकार में मंत्री रहे सुब्रह मुखर्जी के निधन के चलते खाली पड़ी थी।

इन विधानसभा सीटों के उप चुनाव में ये मैदान में

  • बालीगंज(पश्चिम बंगाल) - तृणमूल कांग्रेस से बाबुल सुप्रियो और भाजपा से केया घोष।

  • खैरागढ़ (छत्तीसगढ़) - कांग्रेस से यशोदा वर्मा और भाजपा से कोमल जंघेल, जबकि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से नरेंद्र सोनी।

  • बोचहां (बिहार) - विकासशील इंसान पार्टी से डॉ. गीता देवी, राष्ट्रीय जनता दल से अमर पासवान, भाजपा से बेबी कुमारी और कांग्रेस से तरुण चौधरी

  • कोल्हापुर(महाराष्ट्र) - कांग्रेस से जयश्री जाधव और भाजपा से सत्यजीत

अब तक ताजा अपडेट के अनुसार TMC कैंडिडेट शत्रुघ्न सिन्हा आसनसोल में 3 लाख से ज्यादा वोटों से आगे चल रहे हैं।

आसनसोल लोकसभा सीट का गणित क्या कहता है?

  • गौरतलब है कि आसनसोल लोकसभा सीट पर 1957 से लेकर 1967 तक कांग्रेस काबिज रही। 1967 से 1971 तक संयुक्ता सोशलिस्ट पार्टी ने इस पर सीट पर अपना परचम लहराया। इसके बाद 1971 से 1980 तक ये सीट सीपीआई (एम) के अधिकार में रही।

  • 1989 से 2014 तक यह सीट फिर से सीपीआई (एम) के पास चली गई। इसके बाद 2014 के आम चुनावों में भाजपा के बाबुल सुप्रियो ने यहां से जीत हासिल की।

  • इसके बाद 2019 में फिर से बाबुल सुप्रियो ने यहां से जीत दर्ज की। अब जब बाबुल सुप्रियो टीएमसी में शामिल हुए तो ये सुप्रियो के इस्तीफे के बाद खाली हो गई।

  • बताया जा रहा है कि सप्रियो केंद्र सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज चल रहे थे, ऐसे में वे टीएमसी में शामिल हो गए। इसके बाद 2019 में बीजेपी छोड़ने वाले शत्रुघ्न सिन्हा इस उप चुनाव से ठीक पहले TMC में शामिल हुए।

मतदान के दौरान हुई थी यहां हिंसा

12 अप्रैल को मतदान दिवस के दिन उत्पातियों ने भाजपा कैंडिडेट अग्निमित्र पॉल(Agnimitra Paul) के काफिले को यहां आने से रोका था। इस दौरान पुलिस पर पथराव भी किया गया था। वहीं दूसरी ओर बाबुल सुप्रियो ने सेंट्रल फोर्स का व्यवहार सही न होने का आरोप लगाया था। बाबुल बोले थे कि उन्हें साउथ पोर्ट स्कूल के बूथ में घुसने नहीं दिया जा रहा था।

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