अमेठी – लोकसभा में अमेठी से मिली शानदार जीत का जश्न अभी चल ही रहा था कि एक दिन बाद ही अमेठी से ऐसी खबर आयी जिसने स्मृति ईरानी की जीत के रंग को फीका कर दिया। खबर मिली की अमेठी से स्मृति ईरानी के करीबी रहे बरौलीया गांव के पुर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की बदमाशो ने हत्या कर दी, उन्हें इलाज के लिए लखनऊ के ट्रोमा सेंटर ले जाया जा रहा था तभी रास्ते में ही उन्होंने दम तोड दिया।
खबर स्मृति ईरानी तक पहुंची तो वो अमेठी के रवाना हो गई, रविवार को सुरेंद्र सिंह की शवयात्रा में शामिल हुई और सुरेंद्र सिंह की अर्थी को कंधा भी दिया, इस दौरान कई बार ऐसा दौर भी आया जब स्मृति ईरानी पीडित परिवार को ढांढस बंधाते हुए खुद भी रो पड़ी,
स्मृति ईरानी ने कहा कि सुरेंद्र सिंह 1977 से अमेठी में जमीनी कार्यकर्ता रहें, यह बेहद दुखद है कि अमेठी में पार्टी की जीत की खुशी मनाने के बाद उनकी हत्या कर दी गई.
स्मृति ईरानी ने सुरेंद्र सिंह के परिवार के सामने एक शपथ भी ली और कहा कि जिसने भी उनकी हत्या की और जिसके कहने पर मारने का आदेश दिया गया, अगर मुझे उन्हें फांसी की सजा दिलाने सुप्रीम कोर्ट भी जाना पड़ा तो मैं पीछे नहीं हटुंगी।
स्म़ति ईरानी ने कहा कि इस वारदात से अमेठी में भय पैदा करने की कोशिश की गई। लेकिन अमेठी की जनता अब डरने वाली नही है। उन्होंने राहुल गांधी का बिना नाम लिए कहा कि मुझे प्यार से अमेठी की सेवा करने को कहा गया था, औऱ मैं अमेठी के विकास के लिए काम करूंगी.