Ashok Gehlot News: एक तरफ तो राहुल गांधी की भारत जोड़ा यात्रा चल रही है, दूसरी ओर राजस्थान में सत्ता को लेकर कांग्रेस में बयानबाजी का दौर चरम पर है। CM अशोक गहलोत और उनके समर्थकों पर कार्रवाई नहीं होने और सचिन पायलट को बड़ी जिम्मेदारी नहीं दिए जाने से खफा पायलट गुट लगातार बयान देकर सरकार को घेर रहे हैं। गहलोत गुट भी पलटवार कर रहा है। इसी बीच अब खुद CM गहलोत ने सचिन पायलट को लेकर फिर से गद्दार बताकर कांग्रेस में सियासी पारा बढ़ा दिया है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर एक बार फिर निशाना साधा है। अशोक गहलोत ने सचिन पायलट की आलोचना करते हुए उन्हें गद्दार करार दिया है। उन्होंने कहा कि, "एक गद्दार मुख्यमंत्री नहीं हो सकता है। हाईकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बना सकता है। एक आदमी जिसके पास 10 विधायक नहीं हैं, जिसने विद्रोह किया, उसने पार्टी को धोखा दिया, उसने गद्दारी की है।"
अशोक गहलोत ने 2020 के राजनीतिक संकट का जिक्र करते हुए कहा कि ये देश के इतिहास में पहली बार हुआ होगा कि एक पार्टी अध्यक्ष ने ही अपनी सरकार को गिराने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि इसके लिए बीजेपी की तरफ से पैसा दिया गया था। बीजेपी के दिल्ली दफ्तर से 10 करोड़ रुपये आए थे, मेरे पास सबूत है। इन पैसों में से किसे कितना दिया गया ये मुझे नहीं पता।
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने एनडीटीवी से बातचीत में आरोप लगाया कि सचिन पायलट ने दिल्ली में बीजेपी के दो वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों के साथ मुलाकात की थी। उन्होंने कहा, "अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान शामिल थे। उन्होंने (पायलट सहित) दिल्ली में एक बैठक की थी," उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र प्रधान उस होटल में भी मुलाकात करने गए थे जहां विद्रोह करने वाले नेता ठहरे थे। सीएम गहलोत ने दावा किया कि 2009 में, जब यूपीए की सरकार बनी तो उन्होंने ही सिफारिश की थी कि उन्हें (पायलट को) केंद्रीय मंत्री बनाया जाए।
सचिन पायलट अभी राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में हैं। यात्रा फिलहाल मध्य प्रदेश से गुजर रही है। वहीं बीजेपी ने अशोक गहलोत के दावे को निराधार बताया है। बीजेपी के राजस्थान प्रमुख सतीश पुनिया ने कहा कि, "कांग्रेस नेतृत्व अपने घर को व्यवस्थित करने में विफल रहा है। कांग्रेस राजस्थान खो रही है, इसलिए गहलोत निराश हैं। गहलोत अपनी विफलता के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।"
राजस्थान कांग्रेस में 2020 में उभरे सियासी संकट के दौरान सचिन पायलट 19 विधायकों के साथ दिल्ली के पास एक रिसॉर्ट में चले गए थे। राजनीतिक गलियारों की चर्चा के अनुसार, ये कांग्रेस के लिए सीधी चुनौती थी कि या तो उन्हें मुख्यमंत्री के बनाया जाए या वे कांग्रेस से बाहर निकल जाएंगे। हालांकि इस विरोध को गहलोत सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा था। बाद में पायलट की पार्टी के साथ सुलह हो गई थी। हालांकि उन्हें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के रूप में हटा दिया गया था। साथ ही उन्हें उपमुख्यमंत्री के पद से भी बर्खास्त कर दिया गया था।
सचिन पायलट ने कहा कि ये सारे आरोप निराधार हैं। गहलोत साहब ने पहले भी मुझे नाकारा कहा, गद्दार कहा है। अशोक गहलोत अनुभवी नेता हैं। उन्हें सलाह कौन देता है? वे इस तरह का बचकाना बयान न दें। पूर्व डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि अशोक गहलोत के रहते पार्टी दो बार चुनाव हारी है। उन्हें इतना असुरक्षित महसूस नहीं करना चाहिए और साथ मिलकर काम करना चाहिए।
सचिन पायलट के खिलाफ अशोक गहलोत की बयानबाजी पर कांग्रेस की आधिकारिक प्रतिक्रिया भी आई है। कांग्रेस ने परोक्ष रूप से गहलोत को नसीहत दी और साफ किया राजस्थान पर फैसला लंबित है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि सचिन पायलट के साथ अशोक गहलोत के मतभेद को ऐसे सुलझाया जाएगा जिससे कांग्रेस मजबूत हो। फिलहाल सभी कांग्रेस जनों की जिम्मेदारी भारत जोड़ो यात्रा की कामयाबी को उत्तर भारत में और दमदार बनाने की है। गुरुवार को भारत जोड़ो यात्रा के बीच से सचिन पायलट की राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ की तस्वीर आई थी।
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने मंगलवार को ही दौसा में कहा था कि गुर्जर समाज ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के लिए वोट दिए थे, हमने एमएलए नहीं, मुख्यमंत्री चाहिए। 3 दिसंबर को राहुल गांधी पायलट को मुख्यमंत्री बनाकर उनके साथ राजस्थान आएं। ऐसा हुआ तो पूरा समाज उनका स्वागत करेगा, नहीं तो वह फिर हमारे सवालों का जवाब देने के लिए तैयार रहे। अगर, हमें जवाब नहीं मिले तो विरोध निश्चित है। बैंसला ने कहा कि अब समय आ चुका है। बनाना है तो बनाएं नहीं तो सीधे तौर पर माना कर दें। हम चार साल से इंतजार कर रहे हैं और कब तक करेंगे। आठ गुर्जर विधायक हैं किसी को भी सीएम बना दो।