Rajasthan Budget: राजस्थान की भजनलाल सरकार का पहला Rajasthan Budget 8 फरवरी को विधानसभा में पेश होगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
बुधवार को उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री Diya Kumari ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के राज्य लेखानुदान (Budget) को अन्तिम रूप दिया।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोरा, शासन सचिव वित्त (राजस्व) कृष्णा कांत पाठक, शासन सचिव वित्त (बजट) नरेश कुमार ठकराल एवं निदेशक (बजट) बृजेश शर्मा उपस्थित थे।
20 सालों बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री के बजाय डिप्टी सीएम दिया कुमारी बजट को पेश करने जा रही हैं। ऐसे में सभी की निगाहें राजस्थान की वित्त मंत्री दिया कुमारी के अभिवादन पर टिकी हुई हैं।
सूत्रों की मानें तो इस अंतरिम बजट में दिया कुमारी नई भर्तियां, डीजल-पेट्रोल पर वैट कम करना, कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम, हर घर नल का जल, चिरंजीवी योजना का आयुष्मान योजना से मर्जर, युवाओं को स्टॉर्ट-अप लोन, किसानों को ब्याज मुक्त लोन, लखपति दीदी स्कीम, अवैध माइनिंग पर सख्ती व टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई अहम ऐलान कर सकती हैं।
दिया कुमारी ने कुछ समय पहले ही लेखानुदान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि, मोदी सरकार ने पहले भी सभी वर्गों का ध्यान रखा है और अंतरिम बजट भी सबकी आकांक्षाओं को पूरा करेगा।
केंद सरकार के अंतरिम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए भी दिया कुमारी ने लिखा था, 'नया भारत, नई दिशा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट में पर्यटन और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए प्रमुख घोषणाएं आय के साधन की प्रमुख धुरी बनेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार हर वर्ग, हर क्षेत्र के विकास हेतु प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रही है।
अंतरिम बजट में सरकार खर्च के अलावा राजस्व का भी ब्यौरा देती है, जबकि लेखानुदान में सिर्फ खर्च के लिए मंजूरी मांगी जाती है।
हालांकि लेखानुदान को संपूर्ण बजट ही तैयार करा जाता है, लेकिन इसमें घोषणाओं वाले हिस्से को शामिल नहीं किया जाता। राजस्थान में जब भी नई सरकार बनती है तो लेखानुदान पारित कराया जाता है।
क्योंकि राजस्थान में हमेशा सरकार का गठन दिसम्बर माह तक हो जाता है। लेखानुदान के तहत सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं लेती है।
इस दौरान सिर्फ वेतन, पेंशन, जिला प्रशासन, न्याय प्रशासन, निर्वाचन व कंटिनजेंसी पर पैसा खर्च करने के लिए विधानसभा से मंजूरी ली जाती है।
करीब 3 से 4 महीने के लिए यह लेखानुदान लिया जाएगा। लोकसभा चुनावों के बाद राज्य सरकार जून या जुलाई में पूरा बजट ला सकती है।
राजस्थान में 20 साल बाद ऐसा हुआ है, जब किसी मंत्री को वित्त विभाग दिया गया हो। वर्ष 2003 से लेकर 2023 तक दो बार वसुंधरा राजे और दो बार अशोक गहलोत प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
चारों ही बार वित्त विभाग मुख्यमंत्रियों ने अपने पास रखा। 20 साल पहले कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार में प्रद्युमन सिंह वित्त मंत्री थे।
उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश किया था। उसके बाद 2003 से लेकर 2023 कर वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश करते आए हैं। अब उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी वित्त मंत्री के रूप में राज्य का बजट पेश करेंगी।