डेस्क न्यूज. जयपुर के जमवारामगढ़ इलाके में चल रही केमिकल फैक्ट्री में भीषण आग के बाद एक ही परिवार के तीन बच्चों समेत चार लोग जिंदा जल गए। वहीं, तीन लोग गंभीर रूप से झुलस गए। इस हादसे के बाद गांव में मातम पसर गया। आग की भयावहता का अनुमान आप इस बात से ही लगा सकते है कि आग की लपटों को दूर-दूर तक देखा जा सकता था। आसामान में आग के कारण काले धुए को देखकर आसपास के गांवों के लोग भी वहां पहुंच गए। सूचना मिलते ही पुलिस और दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंची और काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. एक ही परिवार के चार लोगों की मौत के बाद शाम को गांव में चूल्हा तक नहीं जला। इस फैक्ट्री को अवैध बताया जा रहा है। रेस्क्यू टीम को मौके पर तीन लाशें आपस में चिपकी हुई मिलीं।
जानकारी के अनुसार आगजनी की यह घटना रविवार को धुलारावजी गांव स्थित जोगिया कोठीवाली ढाणी के पास खेत में चल रही एक केमिकल फैक्ट्री की है। इसमें कुछ लोग परिवार के साथ काम करके वहीं रहते हैं। रविवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे फैक्ट्री में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और आग की लपटों ने पूरी फैक्ट्री को अपनी चपेट में ले लिया। करीब दो घंटे तक फैक्ट्री में रखे केमिकल के ड्रमों के फटने से आसमान में आग के गोले उठते रहे।
सूचना पर पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। बस्सी और जयपुर से दमकल को बुलाया गया। दमकल की 4 गाडिय़ों की मदद से आग पर काबू पाया गया। आग पर काबू पाने के बाद मौके से चार लोगों के शव बरामद किए गए। वहीं 3 लोग गंभीर रूप से जले हुए मिले। उसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। आग ने इतना विकराल रूप ले लिया था कि जेसीबी की मदद से दीवार तोड़कर इस पर काबू पा लिया गया। हादसे में रमेश उर्फ कालूराम पुत्र हनुमान सैनी (25), गरिमा पुत्री कालू सैनी (3), अंकुश सैनी (5) पुत्र सुरेश व दिव्या पुत्री सुरेश की हादसे में मौत हो गई।
यह फैक्ट्री शंकरलाल सैनी की है। हादसे में मारे गए कालूराम सैनी फैक्ट्री का पूरा काम संभालते थे। कालूराम जयपुर, दौसा, भरतपुर आदि जगहों पर तारपीन बेचता था और परिवार का पालन-पोषण करता था। फैक्ट्री में फंसे बच्चों की चीख पुकार सुनकर कालूराम ने उन्हें बचाने के लिए आग में छलांग लगा दी। लेकिन आग ने उसे भी अपनी चपेट में ले लिया और वह झुलस कर मर गया।
हादसे के बाद जिला कलेक्टर राजन विशाल और विधायक गोपाल मीणा समेत कई जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौके पर पहुंचे। घटना के कलेक्टर राजन विशाल ने प्रत्येक मृतक के परिजन को मुख्यमंत्री राहत कोष से एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा की।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह फैक्ट्री नियमों के खिलाफ चल रही थी। आवासीय भूमि पर व्यवसायिक गतिविधि संचालित करना प्रशासन की विफलता है। घटनास्थल से कुछ दूरी पर पुलिस चौकी है। इसके बावजूद प्रशासन ने यहां कभी जांच कराने की कोशिश नहीं की। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि प्रशासन सतर्क होता तो यह हादसा नहीं होता। ग्रामीणों ने बताया कि जयपुर व बस्सी से दमकल तक पहुंचने में काफी समय लग गया। जब तक दमकल यहां पहुंची तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था।
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