News: Greater Municipal Corporation के सांगानेर जोन में मिलीभगत कर जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। मामला तब खुला जब पोक्सो कोर्ट ने जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित कागजात मांगे। जब कागजात नहीं मिले तो निगम अधिकारी हरकत में आए।
निगम आयुक्त रूकमणी रियाड़ ने जांच के लिए कमेटी गठित की। कमेटी रिपोर्ट के आधार पर उप रजिस्ट्रार नीलम दुबे, हेल्पर नरेंद्र सिंह और बेलदार श्याम बाबू छीपा को निलम्बित कर दिया।
इसके अलावा संविदाकर्मी सुपरवाइजर राजेंद्र कुमार, आशीष शर्मा, गजानंद यादव, नंदकिशोर, गौरव सिंह, महेश शर्मा, गिर्राज यादव को नौकरी से हटा दिया।
चौंकाने वाली बात यह है कि नौ अगस्त, 2023 को निगम के जोन कार्यालय से यह जन्म प्रमाण पत्र जारी किया गया। उस दिन आदिवासी दिवस का अवकाश था।
निगम अधिकारियों की मानें तो मालपुरा थाने में एक पॉस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें आरोपी व्यक्ति ने पीडि़त को नाबालिग से बालिग साबित करने के लिए निगम से जन्म प्रमाण पत्र बनवाया और जन्म तिथि में हेर फेर करवा लिया। इसी प्रमाण पत्र को कोर्ट में पेश किया गया।
सांगानेर जोन उपायुक्त संदीप दाधीच ने बताया कि पोक्सो कोर्ट ने अक्टूबर, 2023 में जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित दस्तावेज पेश करने के लिए कहा।
उप-रजिस्ट्रार कार्यालय में जन्म प्रमाण पत्र से दस्तावेज नहीं मिले। निगम ने कोर्ट को अवगत करा दिया। इसके बाद जांच के लिए फाइल ग्रेटर मुख्यालय भेजी और आयुक्त ने जांच के आदेश दिए।
नीलम दुबे की डोंगल का जन्म प्रमाण पत्र जारी हुआ। इस वजह से उन्हें, नरेंद्र सिंह और श्याम बाबू को दोषी माना गया।
जन्म प्रमाण पत्र लेने के लिए आवेदन पत्र, आधार कार्ड, जन आधार कार्ड भी जरूरी होता है, इस प्रकरण में कोई भी दस्तावेज नहीं मिले।
जांच के दौरान एंट्री रजिस्टर का एक पन्ना गायब भी मिला।