अलवर में पिता ने अपनी फूल सी बेटी के साथ दरिंदगी की सारी हद पार कर दी। जब रात के समय बेटी को मां ने के लिए भेजा तो उस मां को नहीं आभास था कि उस रात उसकी बेटी के साथ क्या होने वाला है।
जब बेटी सो रही थी तभी लड़की क बाप ने उस मासूम को अपनी हवस का शिकार बना लिया। मासूम की हालत इतनी खराब हो गई कि उसके प्राइवेट पार्ट पर 9 टांके लगाने पड़े। सब कुछ जानकर घरवाले उस शैतान पिता का बचाव करते रहे। मामला राजस्थान के अलवर जिसके बहरोड़ का है।
20 अक्टूबर को सुबह करीब 11 बजे अलवर में चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर एक कॉल आता है। समन्वयक मुकेश कुमार पोसवाल ने फोन उठाया। फोन करने वाला बोलते हुए कहता है कि 'मामला पांच-छह दिन पुराना है, बहरोड़ के एक गांव में नौ साल की मासूम के साथ दुष्कर्म किया गया है और यह क्रूरता उसके ही पिता ने की है।
उनके परिवार में सभी जानते हैं, गांव के कुछ लोग भी जानते हैं, लेकिन कोई कुछ नहीं कह रहा है सर। सर वो मासूम दर्द में है, इस क्रूरता के बाद वो खून से लथपथ मिली। उसकी हालत देखकर परिजन उसे गांव के ही डॉक्टर के पास ले गए।
उसके प्राइवेट पार्ट पर नौ टांके आए हैं। उस डॉक्टर ने टांके लगाकर मासूम को घर भेज दिया, लेकिन उसका दर्द कम नहीं हुआ। उसके चेहरे पर डर है, वह डरी हुई है, और घर से बाहर भी नहीं निकल पा रही है। वह रोती है, कोई उसकी सिसकना नहीं सुन रहा है और न ही उसका दर्द समझ रहा है। आप कुछ कीजिए सर। इतना कहने के बाद फोन कट हो जाता है
इसके बाद समन्वयक मुकेश कुमार पोसवाल कहते हैं, 'हमने एक मिनट भी देरी नहीं की और अलवर से बहरोड़ के लिए निकल पड़े। दोपहर तीन बजे गांव पहुंचे। चाइल्ड हेल्पलाइन टीम के लोकेश कुमार, सुभाष कुमार और पूनम देवी भी थे।
गांव के लोगों से जानकारी लेने के बाद वह पीड़ित के घर पहुंचे। मासूम उस वक्त पड़ोसी बच्चों के साथ थी। टीम ने मासूम से पूछताछ की तो वह चौंक गई, लेकिन फिर धीरे-धीरे उसने सब कुछ बता दिया कि पिता ने उसके साथ क्या किया।
इस दौरान कुछ लोगों ने टीम की जांच का विरोध करना शुरू कर दिया। जिस पर टीम मासूम और उसकी मां को लेकर वहां से निकल गई।
इसके लिए हमें काफी मेहनत भी करनी पड़ी थी। टीम व पुलिस को मौके से आरोपी नहीं मिला। उसकी तलाश की जा रही है।'
पूछताछ में पता चला है कि आरोपी और उसके भाइयों का परिवार एक ही जगह पर रहता है। उनके पास दो कमरे का घर है। आरोपी अपनी पत्नी, नौ साल की बेटी और चार और छह साल के दो बेटों के साथ घर के पीछे के पशु बाड़े में सोता था।
घटना की रात मां ने मासूम को पिता के साथ सोने के लिए भेज दिया और काम पूरा कर दोनों बच्चों को साथ लाने की बात कही।
पिता मासूम को साथ ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। मां वहां पहुंची तो बेटी खून से लथपथ मिली। इसके बाद पूरे घर को मामले की जानकारी हो गई।
बताया जा रहा है कि परिजन मासूम को डॉक्टर के पास ले गए। उसे बताया कि खेलते समय गिर गई। जिससे चोट लग गई। इस डॉक्टर ने मासूम की जांच के बाद प्राइवेट पार्ट पर नौ टांके लगाए। इसके बाद परिजन उसे घर ले आए।
पूरा मामला जानने के बाद जब टीम ने पीड़िता को मां के साथ कार में बैठाकर मेडिकल कराने और प्राथमिकी दर्ज कराई तो परिजनों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।
टीम के समझाने पर पीड़िता की मां मासूम को इंसाफ देने को तैयार हुई, उसे लेकर टीम की गाड़ी में बैठ गई, लेकिन उसके चाचा-ताऊ समेत अन्य लोगों ने पीड़िता और उसकी मां को जबरन कार से उतारकर गाली-गलौज शुरू कर दी।
टीम ढाई घंटे तक इन लोगों को समझाती रही, लेकिन फिर थाने से अतिरिक्त जाब्ता मंगवाया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने सख्ती दिखाई तो इन लोगों ने मां को बेटी लाने की इजाजत दे दी।
मासूमों के साथ की गई क्रूरता के बावजूद परिवार के सदस्यों की चुप्पी और कार्रवाई के विरोध को देखते हुए चाइल्ड हेल्पलाइन कोई जोखिम नहीं लेना चाहती था।
इसलिए गुरुवार की शाम मासूम को गांव से बहरोड़ लाया गया और फिर उसका मेडिकल कराया गया। इसके बाद रात 11 बजे मासूम और उसकी मां के बयान लिए गए।
इसके बाद टीम ने इन दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया और अलवर के लिए रवाना हो गई।
इस पूरे मामले में बड़ा सवाल डॉक्टर को लेकर भी है। यह मामला देर शाम थाने में दर्ज किया गया था, इसलिए अभी इसकी जांच नहीं की गई है।
पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि परिजन मासूम को वास्तव में किसी डॉक्टर के पास ले गए या किसी झोलाछाप डॉक्टर के पास,
क्योंकि मासूम की हालत देखकर साफ पता चल रहा था कि उसके साथ क्या हुआ था। तो डॉक्टर ने इस बारें में पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी गई।