कांग्रेस ने 'अग्निपथ योजना' के विरोध में रविवार सुबह रैली निकाली। सीएम अशोक गहलोत ने अमर जवान ज्योति से तिरंगा दिखाकर रैली को हरी झंडी दिखाई। धरने में कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।
देशभर के युवाओं में जिस तरह से गुस्सा पैदा हो गया है। उनकी भावनाओं को प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को समय रहते समझना चाहिए। बिना किसी तर्क के जल्दबाजी में फैसला लिया गया है। इसे देश, जनता और सैन्य अधिकारियों ने खारिज कर दिया है। हर कोई एक स्वर में कह रहा है कि यह योजना किसी भी तरह से जनहित में नहीं है। मेरा मानना है कि सरकार को जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए और इसे वापस लेना चाहिए।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
देश के प्रधानमंत्री ने अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर को देश की सेना में लेने के लिए ऐसा किया है। यह हमारे देश के खिलाफ है। यह देश की सुरक्षा के खिलाफ है। युवाओं के विरुद्ध है। पहले उन्होंने किसानों के बेटों के साथ धोखा किया। फिर व्यापारियों को ठगा। नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया।पीसीसी प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा
अब 4 साल भर्ती करने का निर्णय लिया गया है। यह युवाओं के खिलाफ है। इसे तत्काल वापस लिया जाए। इन युवाओं के साथ कांग्रेस पार्टी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अशोक गहलोत सभी खड़े हैं। जैसे किसानों से माफी मांगना। उन्हें देश से भी माफी मांगनी होगी। जब तक समय समाप्त हो जाएगा।
अमर जवान ज्योति से शुरू हुई रैली स्टैच्यू सर्कल, पांच बत्ती चौराहा, अजमेरी गेट, जौहरी बाजार, बड़ी चौपड़ और छोटी चौपड़ होते हुए पीसीसी पर समाप्त हुई। तिरंगा वाहन रैली में गहलोत सरकार के कई मंत्री और कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।