राजस्थान के जोधपुर में कई इलाकों में बुधवार तड़के तक के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। ईद के मौके पर हंगामे के बाद तनाव को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। कुल 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक बुलाई है। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घटना की पूरी रिपोर्ट मांगी है।
विवाद के बाद लगे कर्फ्यू में पुलिस की मौजूदगी में ही हिंदू संगठनों ने बाजार में हनुमान चालीसा का पाठ किया। बहरहाल मौजूदा स्थिति पर प्रशासन नजर रखे हुए है। पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है।
पुलिस उपायुक्त राजकुमार चौधरी द्वारा जारी आदेश के अनुसार जोधपुर कमिश्नरी के जिला पूर्व के थाना क्षेत्र के उदयमंदिर, सदर कोतवाली, सदर बाजार, नागोरी गेट, खंडा फालसा में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
इसके अलावा जिला पश्चिम के प्रतापनगर, प्रतापनगर सदर, देवनगर, सूरसागर और सरदारपुरा थाना क्षेत्रों में भी कर्फ्यू लगाने के आदेश जारी किए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि इन इलाकों में आज दोपहर 1 बजे से कल दोपहर 12 बजे तक कर्फ्यू जारी रहा। जिसे बढ़ा कर बुधवार तड़के तक कर दिया गया है। इसके अनुसार कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति पत्र के अपने गृह सीमा से बाहर नहीं निकल सकेगा। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि स्थिति को देखते हुए कर्फ्यू की अवधि को भी बढ़ाया जा सकता है।
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। उन्होंने सभी समुदायों से शांति बनाए रखने की भी अपील की।
गहलोत ने डीजीपी, पुलिस और गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। गहलोत जोधपुर में कानून व्यवस्था की समीक्षा कर रहे हैं। गहलोत ने असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटने को कहा है। सीएम ने सुबह ही अधिकारियों से जोधपुर के हालात का फीडबैक लिया है। जिला प्रशासन को निर्देश देते हुए गहलोत लगातार पूरे हालात पर नजर रखे हुए हैं।
सीएम अशोक गहलोत ने जोधपुर जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से पूरे मामले की प्रतिक्रिया ली है। सीएम ने उपद्रवियों से सख्ती से निपटने और किसी भी हाल में माहौल खराब नहीं होने देने के निर्देश दिए हैं। संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल बढ़ा दिया गया है। रिपोर्टस के अनुसार जरूरत पड़ने पर बाहर से भी पुलिस बल भेजा जा सकता है।
गौरतलब है कि शहर के जालोरी गेट चौराहे पर सोमवार की रात को जमकर बवाल हुआ। माना जा रहा है कि यह विवाद धार्मिक ध्वज को हटाने को लेकर हुआ है।
इसके बाद अगले आदेश तक जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। घटना के बारे में बताया जा रहा है कि छोटी सी बात पर कहा-सुनी बाद में मारपीट में बदल गई।
विवाद सोमवार की रात उस समय शुरू हुआ जब चौराहे पर स्वतंत्रता सेनानी बाल मुकुंद बिस्सा की प्रतिमा और चौराहे पर ईद के बैनर पर झंडा लगाया गया। इसके अलावा गुस्साए लोग ईद की नमाज के लिए चौराहे तक लाउडस्पीकर लगाने के लिए जमा हो गए।
इधर करौली के बाद जोधपुर में भी हिंसा के माहौल पर प्रदेश बीजेपी के मुख्य विपक्षी दल ने सीएम गहलोत पर निशाना साधा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था लचर हो गई है। पूनिया ने कहा कि राजस्थान जैसे शांतिप्रिय राज् की मिसाल पूरे देश में दी जातीं थीं, लेकिन कांग्रेस पार्टी के अशोक गहलोत के नेतृत्व में तुष्टिकरण की राजनीति के कारण इस राज्य में अशांति कायम हो गई है। पूनिया ने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था गड़बड़ा गई है।
पूनिया ने कहा कि करौली की घटना साबित करती है कि ऐसी घटनाओं को कांग्रेस सरकार संरक्षण देने का काम कर रही है। पूनिया ने कहा कि सवाल उठता है कि जब कांग्रेस की सरकार आती है तो ऐसी घटनाएं क्यों होती हैं?
इसका मतलब है कि उन्हें सुरक्षा मिलती है। सुरक्षा इसलिए दी जाती है क्योंकि एक तरफ पीएफआई को कोटा में जुलूस की इजाजत है तो दूसरी तरफ रामनवमी और हिंदू त्योहारों पर पाबंदी है।
राज्य के 17 जिलों में धारा 144 लागू है। पूनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के तुष्टिकरण से इस राज्य पर असामाजिक तत्वों का कब्जा हो गया है। समय पर सतर्क नहीं होना राज्य के लिए चिंता का विषय है। पूनिया ने पूछा कि क्या एक के बाद एक ऐसी घटनाओं ने बहुसंख्यकों के मानवाधिकारों को ठेस नहीं पहुंचाई। मुझे लगता है कि तुष्टीकरण की राजनीति कांग्रेस के डूबने का एक बड़ा कारण बनेगी। इसलिए मैं कांग्रेस से अपील करता हूं कि वह राज्य में शांति और सद्भाव के लिए वोट बैंक की राजनीति छोड़ दें।