सोशल मीडिया पर राजस्थान सरकार की छवि चमकाने के लिए सांख्यिकी विभाग ने फर्जी ट्विटर-फेसबुक अकाउंट बनाने के आदेश जारी कर दिया हैं। आदेश के वायरल होने के बाद जब मामले ने तूल पकड़ा तो सहायक निदेशक को आनन-फानन में निलंबित करने का आदेश भी सरकार द्वारा जारी कर दिया गया।
यह आदेश सवाई माधोपुर के सांख्यिकी विभाग के सहायक निदेशक सतीश कुमार सहरिया ने 3 जुलाई को जारी किया था। राजीव गांधी युवा इंटर्नशिप कार्यक्रम में चुने गए युवा मित्रों को फर्जी अकाउंट बनाने के आदेश पर विवाद खड़ा हो गया। फर्जी अकाउंट बनाने का उद्देश्य सरकार की योजनाओं को लेकर सोशल मीडिया पर कमेंट और शेयर करना था। लेकिन आदेश जारी होने के कुछ देर बाद ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसके कारण विपक्ष के साथ सोशल मीडिया यूजर्स ने राजस्थान सरकार को ट्रोल करना शुरु कर दिया। सोशल मीडिया पर किरकिरी होती देख एक संशोधित आदेश को बाद में जारी किया गया।
सहायक निदेशक के द्वारा जारी किए गये आदेश में लिखा गया कि प्रत्येक युवा मित्र को 10 फेक अकाउंट ट्वीटर पर बनाने है। इसके साथ ही आदेश में निर्देश दिया गया कि इन फर्जी अकाउंट में युवा मित्रों शब्द कहीं भी नहीं होना चाहिए। एक मोबाइल नंबर से 10 डमी अकाउंट बनेंगे। रिट्वीट और कोट को सभी खातों से रीट्वीट करना होगा। इसी तरह एक युवा मित्र का फेसबुक अकाउंट होना चाहिए और उसी मोबाइल नंबर से 5 डमी फेसबुक अकाउंट होने चाहिए। युवा मित्र अपने मेन अकाउंट और डमी अकाउंट से सोशल मीडिया का काम करेंगे और सभी अकाउंट को लाइक, शेयर और कमेंट करना होगा।
बीजेपी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसकी शिकायत की थी। बढ़ते विवाद को देखते हुए सरकार ने कार्रवाई की। इस पूरे मामले में सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली और आपसी तालमेल पर भी कई सवाल खड़े हुए हैं।