Kuldeep Choudhary -
प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन राजधानी के सरकारी कॉलेजों में प्रवेेश लेने वाले विद्यार्थियों को इस बार भी सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाई करनी होगी। कारण है कि जयपुर में संचालित सरकारी कॉलेजों के पास अपने भवन तक नहीं हैं। किसी कॉलेज को अभी तक जमीन नहीं मिली है तो किसी कॉलेज के भवन का निर्माण अधूरा है। राजधानी में 10 सरकारी कॉलेज हैं। इनमें से पांच पहले से संचालित हैं और पांच इस सत्र से शुरू होंगे। नए सत्र में कॉलेज के बच्चों की कक्षाएं सरकारी स्कूलों में ही संचालित होंगी। प्रदेश की स्थिति देखें तो पिछले तीन वर्षों में सरकार ने 209 सरकारी कॉलेज खोलने की घोषणा की है। इसमें से 87 कॉलेजों की सूची जारी की है। इन कॉलेजों के पास अभी तक भवन नहीं है।
राजधानी के 10 कॉलेजों में से एकमात्र राजकीय महाविद्यालय कंवर नगर के भवन का निर्माण लगभग पूरा होने को है। लेकिन इसे पूरा होने में अभी तीन महीने का समय और लगेगा। इसके बाद ही बच्चों को कॉलेज का नया भवन मिलेगा।
कुछ भवन का निर्माण चल रहा है। जैसे—जैसे जमीन मिल रही हैं, निर्माण शुरू करा रहे हैं।शुचि त्यागी, आयुक्त कॉलेज शिक्षा
जयपुर में पहला सरकारी कॉलेज वर्ष 2013 में गांधी सर्कल स्थित पोद्दार स्कूल से शुरू हुआ। नौ साल से यह कॉलेज स्कूल में ही चल रहा है। 4 वर्ष पहले कॉलेज को पोद्दार स्कूल के पास की जमीन पर भवन निर्माण शुरू हुआ। सरकार ने अब पोद्दार परिसर में एजुकेशन हब बनाने की घोषणा कर दी। यहां चार संस्थान संचालित होंगे। ऐसे में कॉलेज भवन का निर्माण अटक गया।
इन कॉलेजों के पास नही है भवन
● राजकीय महिला महाविद्यालय किशनपोल
● राजकीय महाविद्यालय गणगौरी बाजार
● राजकीय महाविद्यालय कंवर नगर ब्रह्मपुरी
● राजकीय महिला महाविद्यालय गंगापोल
● राजकीय महाविद्यालय सांगानेर
● राजकीय महिला महाविद्यालय सांगानेर
● राजकीय महाविद्यालय जामडोली
● राजकीय मूक—बधिर महाविद्यालय
● राजकीय महाविद्यालय विद्याधर नगर
● राजकीय महाविद्यालय जयपुर