News: भले ही हम सभ्य समाज का दावा करते हैं, लेकिन वैज्ञानिक युग में देश में महिलाओं को डायन बताकर प्रताड़ित किया जाता है।
मामला राजस्थान के आदिवासी इलाके बांसवाड़ा का है, जहां एक महिला को डायन कहकर उसे यातनाएं देने का मामला सामने आया है।
यह घिनौना काम महिला के पूर्व सरपंच पति, सौतन (पहली पत्नी) और सास ने मिलकर किया है। तीनों ने महिला को डायन बताकर पहले तो निर्वस्त्र किया फिर खाट से बांधा, फिर बुरी तरह पीटा।
बांसवाड़ा जिले के मोटागांव का ये सनीसनीखेज मामला है। संयोग से बेटी के ससुराल पहुंचे पिता ने बेटी को जालिमों के चंगुल से छुड़ाया और अस्पताल ले गया। पुलिस को शिकायत करने गया तो जवाब मिला कि अभी साहब नहीं हैं, कल आना।
बांसवाड़ा क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता ने बताया कि आरोपी पति से 2021 में नातरा विवाह हुआ था। उसके पहले से एक पत्नी थी, पहले सब ठीक रहा, और 2 बेटियां भी हुईं।
लेकिन जब पहली पत्नी का बेटा बीमार हुआ तो पति, सौतन व सास महिला को (Banswara News in Hindi) डायन कहकर परेशान करना शुरू कर दिया।
बीती 14 फरवरी को रात 12 बजे पति आया और गुस्से में चोटी पकड़कर मारपीट की और कहा कि तूने बेटे पर जादू टोना करके उसे वश में कर लिया है। तुझे हम छोड़ेंगे नहीं।
महिला को डायन बताकर घिनौने काम किए गए। पति के साथ पहली पत्नी और सास ने मिलकर महिला पर नींबू छिड़का। दोनों हाथ पकड़ लिए और पति ने महिला को निर्वस्त्र कर खूब मारा पीटा।
इतना ही नहीं खाट से बांधकर भी बेचारी महिला को बहुत बुरी तरह पीटा। पीड़िता को भूखी प्यासी एक कमरे में बंद कर दिया गया।
यहां तक कि दोनों बेटियों को मिलने तक नहीं दिया। साथ ही पति ने मुंह पर मुक्के मारे, जिससे महिला का मुंह जख्मी हो गया। ऐसी वहशी हरकतें करने के बाद भी पुलिस ने अब तक पति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
पीड़िता के पिता ने बताया कि वे 15 फरवरी को संयोग से बेटी के घर मिलने पहुंच गए। जब पिता जी सांकल (जंजीर) खोलकर भीतर गये तो बेटी को खाट से बंधी देख हैरान हो गये। पिता ने बेटी को छुड़ाया, और सौतन के यहां रह रही दोनों बेटियों को भी छुड़ाया।
इस दौरान पति ने ससुर पर भी हमले का प्रयास किया गया और जान से मारने की धमकी दी। पिता किसी तरह से बेटी को जगपुरा अस्पताल ले गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे बांसवाड़ा (Banswara News in Hindi) के लिए रेफर कर दिया।
मामले में पुलिस (Banswara Police) की कार्य प्रणाली पर भी सवालिया निशान लग गये हैं। जब पिता गुहार लेकर अलसुबह घाटोल डिप्टी नानालाल सालवी के ऑफिस पहुंचा तो उसे यह कहकर लौटा दिया गया कि साहब नहीं हैं, कल आना।
शाम को डिप्टी नानालाल सालवी को मामले का पता चला तो उन्होंने तुरंत मोटागांव थाने परिवाद भेजकर प्रकरण दर्ज कराने के Order दिए।
इसके बाद शाम 7 बजे पुलिस टीम मौके के लिए रवाना की गई। जब मीडिया कर्मी ने डिप्टी साहब से पूछा तो बोले- बेणेश्वर मेले में ड्यूटी होने के कारण मैं वहां गया हुआ था। मामला पूछकर बताता हूं।
थोड़ी देर बाद कॉल कर कहा- परिवाद मोटागांव थाने भेज दिया है, आज ही प्रकरण दर्ज हो जाएगा। वहीं, मोटागांव थाना
प्रभारी बोले- FIR दर्ज कर रहे हैं, टीम भेज दी है। कुल मिलाकर बांसवाड़ा पुलिस की काम करने की शैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।