राजस्थान

खाटू श्याम हादसा: इंटेलिजेंस की सूचना को नजरअंदाज करना पड़ा भारी, समय रहते ध्यान दिया होता तो नहीं जाती श्रद्धालुओं की जान

खाटू श्याम हादसा: इंटेलिजेंस ने पुलिस प्रशासन को पहले ही आगाह कर दिया था। इसके वाबजूद खूफिया एजेंसी की सूचना को गंभीरता से नहीं लिया गया। जिसका परिणाम यह रहा कि भगदड़ में 3 श्रद्धालु की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए।

Kunal Bhatnagar

खाटू श्याम हादसा: राजस्थान के सीकर जिले के रींगस स्थित खाटू श्याम धाम में 8 अगस्त को मंदिर परिसर में हुए हादसे के मामले में बड़ी चूक का खुलासा हुआ है। सूत्रों का कहना है कि इंटेलिजेंस ने पुलिस प्रशासन को पहले ही आगाह कर दिया था। इसके वाबजूद खूफिया एजेंसी की सूचना को गंभीरता से नहीं लिया गया। जिसका परिणाम यह रहा कि भगदड़ में 3 श्रद्धालुओं की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए।

गौरतलब है कि 8 अगस्त को सुबह करीब 5 बजे खाटू श्याम मंदिर में जब मंगल आरती के दर्शन के लिए पट खोले गए तो श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ होने के चलते वहां भगदड़ मच गई और लोग एक दूसरे को रौंदते हुए चले गए। इस दौरान चीख-पुकार मच गई और तीन महिला श्रद्धालुओं की जान चली गई।

कुछ लोगों की हालत नाजुक बताई जा रही है, जिन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जबकि कुछ को जयपुर रेफर कर दिया गया था।

इंटेलिजेंस की रिपोर्ट को किया गया नजरअंदाज

मीडिया रिपोर्ट की माने तो खाटू श्याम मंदिर में इस तरह का कोई हादसा हो सकता है, इसकी जानकारी पहले ही खूफिया एजेंसी ने प्रशासन को दे दी थी, लेकिन प्रशासन ने इस जानकारी को नजरअंदाज कर दिया। जिसके कारण भगदड़ मची और तीन महिला श्रद्धालु की जान चली गई। इस घटना को क्या माना जाए हादसा या हत्या? क्योंकि प्रशासन के पास जानकारी आने के बाद भी उसने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किये और उसका परिणाम मंदिर में भगदड़ मची और तीन श्रद्धालु को अपनी जान गंवानी पड़ी।

मंदिर कमेटी और प्रशासन जिम्मेदार

मंदिर परिसर में तीन लोगों की भगदड़ के कारण मौत हो गई। जिसका बड़ा कारण प्रशासन की लापवाही और मंदिर कमेटी का मिस-मैनेजेमेंट रहा है। अगर मंदिर कमेटी और पुलिस प्रशासन अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से निभाती तो हादसे को टाला जा सकता था।

1 लाख श्रद्धालु मंदिर में आए थे दर्शन करने

एकादशी के दिन मंदिर परिसर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते है, लेकिन 1 लाख श्रद्धालुओं को नियंत्रण करने के लिए लगभग 150 पुलिस कर्मचारी लगाये गए थे। आप इस बात से स्वयं अनुमान लगा सकते है कि इसके अंदर प्रशासन की कितनी बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। यह हालत तो तब है जब प्रशासन को इंटेलिजेंस के द्वारा हादसे का अलर्ट मिल गया था।

तीसरी आंख पर लॉक
मंदिर परिसर में हुई घटनास्थल पर करीब तीन 3 CCTV में पूरा घटनाक्रम रिकॉर्ड हुई है। इन कैमरों का कंट्रोल मंदिर कमेटी के पास ही है। भगदड़ में तीन महिलाओं की मौत की खबर जैसे ही पुलिस-प्रशासन और मंदिर कमेटी के पास पहुंची वैसै ही इनके द्वारा सबसे पहले कंट्रोल रूम को अपने कब्जे में लिया, और नाकामी लोगों के सामने ना आ सके इसके लिए प्रशासन ने CCTV के कंट्रोल रूम पर ही ताला लगा दिया और वहां पर पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया।

Diabetes से हो सकता है अंधापन, इस बात का रखें ख्याल

बीफ या एनिमल फैट का करते है सेवन, तो सकती है यह गंभीर बीमारियां

Jammu & Kashmir Assembly Elections 2024: कश्मीर में संपन्न हुआ मतदान, 59 प्रतिशत पड़े वोट

Vastu के अनुसार लगाएं शीशा, चमक जाएगी किस्मत

Tiger Parks: भारत के 8 फेमस पार्क,जहां आप कर सकते है टाइगर का दीदार