राजस्थान

SI Ground Report: Lumpy के कारण दूध उत्पादन घटा; पशुपाल लाचार, आमजन पर भार

Kunal Bhatnagar

पश्चिमी राजस्थान के बाद अब लंपी पूरे प्रदेशभर में अपना कहर भरपा रहा है। सरकारी आंकड़ो की माने तो लंपी के 60 हजार से ज्यादा गौवंश अपनी जान गंवा चुकी है। लंपी का सीधा असर छोटे किसानों, डेयरी संचालकों के साथ-साथ ही आम इंसान पर भी देखने को मिल रहा है।

मावा बनाने वाले कारीगर से बातचीत करते हुए
बीकानेर के एक सरपंच और मावा फैक्टरी के संचालक से बातचीत

बाजार की डिमांड के अनुसार होता है काम

बीकानेर के एक सरपंच और मावा फैक्टरी के संचालक का कहना है कि मार्केट की डिमांड के अनुसार हम मावा बनाते है। त्यौहार के सीजन में इसकी मांग बढ़ जाती है।

हाल के दिनों में राजस्थान में लंपी का कहर है दूध की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

जिसके कारण दूध के दाम बढ़ने से मार्केट में मावा की रेट में भी बढोत्तरी देखने को मिल रही है। फैक्टरी संचालक का कहना था, कि हम जिस हिसाब से दूध खरीदते है उसे के हिसाब से मार्केट में आगे मावा बेच देते है।

आम नागरीक पर पड़ रहा सीधा असर

गायों की बड़ी संख्या में मौत के कारण दूध के दाम बढ़ गये है जिसके कारण दूध से बनने उत्पादको के दामों में बढोत्तरी देखने को मिल रही है। जिसका सीधा असर आम इंसान की जेब पर पड़ रहा है। लंपी के कारण कई स्थानों पर दूध की रेट में 5-8 रुपये बढने के कारण

दूध के व्यापार पर देखने को मिल रहा खासा असर

दूध के व्यापरा लंपी से ज्यादा प्रभावित हुआ है। जहां पहले एक किसान पहले अपनी गायों से सौ किलो दूध की आपूर्ति करता था, वहीं आज वही किसान 20 से 30 किलो दूध ही मार्केट में दे पा रहा है। लंपी के कारण गायों की मौत के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। अगर समय रहते लंपी पर काबू नहीं पाया गया तो स्थिति और भी खराब हो सकती है।

Cannes 2024: Kiara Advani ने व्हाइट स्लिट गाउन में दिखाई सिजलिंग अदाएं

Cannes 2024: Urvashi Rautela ने कान फिल्म फेस्टिवल में बिखेरा जलवा

चांद पर ट्रेन चलाएगा NASA , तैयार हुआ पूरा खाका

DD News: ‘कलावा स्क्रीन पर नहीं दिखना चाहिए’, जानें UPA शासन में पत्रकारों को कैसे हड़काते थे दूरदर्शन के अफसर

AAP News: नवीन जयहिंद का दावा- "स्वाति मालीवाल की जान को खतरा... साजिश के तहत हुआ CM के घर हमला"