16 फरवरी 2023 को हरियाणा के भिवानी में एक जली हुई बोलेरो में दो नर कंकाल मिले थे। ये कंकाल राजस्थान के भरतपुर निवासी गौ तस्कर जुनैद और नासिर के बताए जा रहे हैं। तभी से गौ रक्षक मोनू मानेसर का नाम चर्चा में है।
पूरा लिबरल गिरोह मोनू मानेसर के पीछे पड़ गया है। लेकिन एक स्टिंग में राजस्थान पुलिस के गोपालगढ़ एसएचओ राम नरेश यह कहते नजर आ रहे हैं कि घटनास्थल पर मोनू मानेसर की लोकेशन नहीं मिली है, साथ ही बता रहे हैं कि जुनैद वांछित अपराधी था।
मामले की जांच भरतपुर की गोपालगढ़ थाना पुलिस ही कर रही है। 'ऑपरेशन लोहारू' नाम का यह स्टिंग टीवी चैनल टीवी9 भारतवर्ष ने किया है। हालांकि इस मामले में गिरफ्तार रिंकू सैनी के बारे में थानाध्यक्ष ने कहा है कि वह मोनू मानेसर की टीम से जुड़ा हुआ है। लेकिन उनका साफ कहना है कि मोनू मानेसर की लोकेशन मौके पर नहीं मिली। थाना प्रभारी ने स्टिंग में किसी मोनू राणा का नाम लिया है।
स्टिंग में यह भी खुलासा हुआ है कि रिंकू के मोबाइल पर जिस गाड़ी से जुनैद और नसीर की जली हुई लाशें मिली थीं, उस गाड़ी के नंबर से किसी ने मैसेज भेजा था। पुलिस इसे ऑन रिकॉर्ड सबूत मान रही है।
उल्लेखनीय है कि मामला सामने आने के बाद मोनू मानेसर ने इसमें अपनी संलिप्तता से इनकार किया था। उसने कहा था कि घटना के दिन वह गुरुग्राम के एक होटल में था। इसके सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूत भी हैं।
उन्होंने कहा कि मेवात में गोहत्या रोकने में उनकी सक्रिय भूमिका के कारण बजरंग दल का नाम घसीटा जा रहा है. इसके बावजूद उदार गैंग सोशल मीडिया पर मोनू मानेसर को निशाना बनाकर कैंपेन चला रहा है।
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस को शक है कि जुनैद और नासिर की सूचना उनके घर से निकलते ही दी गई थी। एसएचओ ने स्टिंग में आगे दावा किया है कि आरोपियों ने नासिर और जुनैद को पकड़कर हरियाणा पुलिस को सौंप दिया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें लेने से इनकार कर दिया।
एसएचओ के मुताबिक, गो रक्षकों द्वारा पीटे जाने के बाद एक आरोपी की मौत हो गई थी, जिसके बाद सबूत मिटाने के लिए दोनों को जला दिया गया था। एसएचओ ने स्टिंग में जिस मोनू राणा का नाम लिया है, वह भिवानी का रहने वाला बताया जा रहा है।
घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर उनका घर है। मृतक जुनैद के खिलाफ न केवल भरतपुर बल्कि अलवर में भी मामले दर्ज हैं। इन मामलों में हत्या के प्रयास सहित साजिश के आरोप भी शामिल हैं।