राजस्थान

Bharatpur: अब राजस्थान के कुम्हेर में धर्म परिवर्तन, सामूहिक विवाह के बहाने दिलाई शपथ

Kunal Bhatnagar

राजस्थान के भरतपुर जिले से देश की राजधानी दिल्ली में बौद्ध आयोजन में हिंदू देवी-देवताओं को लेकर आपत्तिजनक शपथ लेने जैसा मामला सामने आया है। स्थानिय स्तर से प्राप्त की गई जानकारी के अनुसार रविवार को जिले के कुम्हेर कस्बे में संत रविदास सेवा समिति द्वारा सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें हिंदू देवी-देवताओं को लेकर आपत्तिजन शपथ दिलाई गई।

समिति की ओर से 11 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया गया और विवाह के बाद कथित तौर पर उन्हें बौद्ध धर्म में धर्मांतरित कर शपथ दिलाई गई। मालूम हो कि हाल ही में दिल्ली में ऐसे ही एक मामले में राजेंद्र पाल गौतम, जो राज्य में मंत्री थे। जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कुर्सी छोड़नी पड़ी थी।

सभी जोड़ों को हिंदू देवी-देवताओं को न मानने और उनकी पूजा न करने की शपथ दिलाई गई। सभी ने शपथ ली कि भगवान ने अवतार लिया है, इसलिए मैं भगवान को नहीं मानता और ब्रह्मा, विष्णु, महेश किसी को नहीं मानेंगे। शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन को हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म की शपथ दिलाई गई।

विश्व हिंदू परिषद ने दर्ज कराई कड़ी आपत्ति

वहीं, इस मामले में विश्व हिंदू परिषद ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। बताया जा रहा है कि यह सामूहिक विवाह सम्मेलन समिति द्वारा कुम्हेर कस्बे के एक निजी मैरिज हॉल में आयोजित किया गया था। जिसमें डीग कस्बे के कई पदाधिकारी भी मौजूद थे। वहीं कमेटी का कहना है कि वे इस तरह के आयोजन करते रहते हैं।

बौद्ध धर्म को शुद्ध रखने का संकल्प: आयोजक

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विवाह समिति के प्रतिनिधि शंकर लाल बौध का कहना है कि सामूहिक विवाह के जरिए एक सामाजिक संदेश देने की कोशिश की जाती है जहां लोग शादी के नाम पर फिजूलखर्ची करते हैं और झूठी शान और शोहरत दिखाते हैं।

शंकर लाल के अनुसार सभी प्रकार के आडंबरों को छोड़ने के लिए इस तरह के सामूहिक विवाह सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है और 22 व्रत दिए जाते हैं, जो बौद्ध धर्म के कवच हैं।

विश्व हिंदू परिषद ने किया विरोध

वहीं, मामले के तूल पकड़ने के बाद विश्व हिंदू परिषद ने इसे गंभीर मामला बताते हुए विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। विहिप भरतपुर जिलाध्यक्ष लाखन सिंह का कहना है कि यह देश की एकता के लिए खतरा है, जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं और अगर प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले दिनों में विरोध अभियान चलाया जाएगा।

गौरतलब है कि इससे पहले भी देश के कई हिस्सों में इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसके बाद विरोध के स्वर फूट पड़े हैं।

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