जोधपुर शहर में स्कूली बच्चों को चर्च ले जाने को लेकर विवाद हो गया। इस पर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं और अभिभावकों ने आपत्ति जताई और विरोध भी किया। इधर, मामला बढ़ता देख प्रबंधन ने माफी मांगी और माना कि वे बिना अनुमति के बच्चों को चर्च ले गए थे। अब से बिना प्रबंधन की अनुमति के ऐसा कुछ भी नहीं किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार जोधपुर की पहला पुलिया पर महेश शिक्षण संस्थान का महेश पब्लिक नाम से स्कूल है। स्कूली बच्चों को सरदारपुरा के एक चर्च में घुमाने ले गए। इसकी जानकारी होने पर विहिप कार्यकर्ता व कुछ बच्चों के अभिभावक स्कूल पहुंचे।
विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इस दौरान उनसे चर्च में प्रार्थना कराई गई। इधर अभिभावकों ने बताया कि उनकी मर्जी के बिना बच्चों को चर्च ले जाया गया जो उनके धर्म के खिलाफ है। इसी बात को लेकर विवाद हुआ और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने स्कूल में हंगामा किया।
इधर, महेश पब्लिक स्कूल की ओर से ऐसा होने पर अभिभावक भड़क गए। स्कूल में जमकर विरोध किया। सूचना मिलने पर देव नगर थानाध्यक्ष जय किशन सोनी भी मौके पर पहुंचे और हंगामा कर रहे विहिप नेताओं व अभिभावकों को समझाने का प्रयास किया। इसके बाद स्कूल प्रशासन द्वारा भविष्य में बिना अनुमति ऐसा नहीं करने के लिखित आश्वासन के बाद ही अभिभावक व विश्व हिंदू परिषद के नेता शांत हुए।
जानकारी के अनुसार स्कूल के 600-700 बच्चों को सरदारपुरा स्थित चर्च ले जाया गया। उनसे वहां पर प्रार्थना भी कराई गई। VHP के एक स्थानीय नेता ने मीडिया बात करते हुए कहा कि धर्म के खिलाफ इस तरह का व्यवहार विश्व हिंदू परिषद कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। इधर मामले को बढ़ता देख महेश स्कूल के प्राचार्य की ओर से पत्र जारी किया गया।
प्रिंसिपल ने गलती स्वीकार करते हुए लिखा है कि कुछ छात्रों को सह-शैक्षणिक गतिविधि के तहत चर्च के दौरे के लिए ले जाया गया था। इसमें माता-पिता की अनुमति नहीं ली गई थी। भविष्य में बिना अभिभावकों की अनुमति के इस तरह का दौरा नहीं किया जाएगा।